PATNA : पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार प्रदेश के किशनगंज में राज्य का दूसरा वेटनरी कॉलेज खोलने जा रही है। आजादी के पूर्व ही 1927 में पटना में राज्य का पहला वेटनरी कॉलेज खोला गया था। उसके बाद राज्य सरकार दूसरा ऐसा कॉलेज खोलने जा रही है। ये बातें गुरुवार को बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के द्वितीय स्थापना दिवस समारोह में राज्य के कृषि एवं पशु मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ। प्रेम कुमार ने कहीं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए तीसरा कृषि रोडमैप जारी कर दिया है। उस पर सरकार की ओर से काम हो रहा है।

उन्होंने कहा कि किसानों को पेंशन देने के लिए मानधन योजना लागू कर दी गई है। इससे किसानों को काफी लाभ होगा। अब ब़ुढ़ापे में किसान असहाय नहीं होंगे। मंत्री ने कहा कि बाढ़ एवं सुखाड़ प्रभावित किसानों को मुफ्त में रबी फसलों के लिए कृषि इनपुट देने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नौ जिलों का चयन किया है।

: कृषक हित समूहों को मिलेगा खाद-बिक्री का लाइसेंस :

मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को आसानी से खाद एवं बीज मुहैया कराने के लिए प्रत्येक पंचायत में कृषक हित समूह का गठन करेगी। समूह के माध्यम से ही किसानों को सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। उसी तरह से प्रखंड स्तर पर किसान उत्पादक संगठन का गठन किया जाएगा। इन संगठनों को खाद-बीज बिक्री का लाइसेंस दिया जाएगा। सरकार किसान के्रडिट का लाभ अधिक से अधिक किसानों को देना चाहती है।

इस अवसर पर नाबार्ड के चेयरमैन डॉ। हर्ष कुमार भानवाला ने कहा कि आजादी के समय प्रत्येक भारतीय को 100 ग्राम दूध मुश्किल से मिल पाता था, लेकिन वर्तमान में भारत दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक बन चुका है। नाबार्ड की कोशिश है कि हर किसान या पशुपालक को बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिले।

इस अवसर पर आए अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ। रामेश्वर सिंह ने किया। मौके पर पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ। एनआर विश्वास, डॉ। पंकज कुमार सहित कई लोगों ने भाग लिया।