रांची: जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में शनिवार को बेहद शर्मनाक वाक्या सामने आया। मैदान में खेल के दौरान ही दो सिरफिरे युवक घुस गए, जिससे रांची में इंटरनेशनल मैच के आयोजन के दौरान सुरक्षा में हुई गंभीर चूक पर सवाल खड़े हो गए। हालांकि, दोनों ही युवकों ने किसी गलत नीयत से सुरक्षा घेरा नहीं तोड़ा था, फिर भी इंटरनेशनल लेवल के मैच के दौरान हुए इस सिक्योरिटी लैप्स ने जेएससीए के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी।

ड्रिंक्स के दौरान पहली चूक

पहला सुरक्षा घेरा दोपहर एक बजे के आसपास टूटा। तब खिलाड़ी ड्रिंक्स के लिए मैदान के बीच में ही इकट्ठा हुए थे। इसी दौरान लाल शर्ट पहने एक युवक ने फेंस से छलांग लगा दी और तेज रफ्तार से दौड़ते हुए खिलाडि़यों की ओर भागा। उस युवक को देखते ही दर्शक जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों की नजर उस पर पड़ी और वे उसे दौड़ाते हुए पकड़ने में कामयाब हो गए। वह खिलाडि़यों से कुछ ही दूरी पर पकड़ा गया। सिक्योरिटी पर्सन उसे घसीटते हुए बाहर लेकर गए।

आधे घंटे के भीतर दूसरी चूक

अभी पहले वाले युवक के सुरक्षा घेरा तोड़ने का मामला शांत नहीं हुआ था कि साउथ एंड से एक और युवक मैदान में घुसने में कामयाब हो गया। मोहित कुमार पांडेय नामक यह युवक टीम इंडिया की जर्सी पहने था और तिरंगा भी लपेटे हुए था। उसने साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी क्विंटन डी कॉक को पकड़ लिया। पहले तो उसने डी कॉक को गले लगाया, उसके बाद पैर भी छुए। आपाधापी में सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ा और उसे भी घसीटते हुए बाहर ले गए।

आखिर किस काम की सुरक्षा

मैच के दौरान जेएससीए ने एक हजार से भी ज्यादा वॉलेंटीयर्स नियुक्त किए हैं। सभी को स्पेशल कार्ड और वाकी-टॉकी देकर फील्ड के फेंस के पास खड़ा किया जाता है। बाहर दर्शकों को भारी सुरक्षा जांच के बाद स्टेडियम के भीतर जाने दिया जाता है। बच्चों के लिए पानी नहीं ले जाने दिया जाता है। सवाल यह उठता है कि इतने तामझाम के बावजूद ऐसी शर्मनाक स्थिति उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी?

बीसीसीआई के फैसले पर भी सवाल

बड़े शहरों में टेस्ट मैच के दौरान काफी कम भीड़ होने के कारण बीसीसीआई ने इसका आयोजन छोटे शहरों में कराने का फैसला किया था। मौजूदा टेस्ट सीरीज के पिछले दो मैचों में भी स्टेडियम में दर्शक नहीं पहुंचे थे और वहां भी स्कूलों के बच्चों को पास देकर बुलाया गया था।

ठहरने की व्यवस्था भी ठीक नहीं

रांची में साउथ अफ्रीका के खिलाडि़यों को जिस होटल में ठहराया गया है, उसे लेकर भी मेहमान खिलाडि़यों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। साउथ अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज डीन एलगर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'आपकी असली पहचान तब होती है, जब आप छोटे शहरों में पहुंचते हैं। यहां के होटल भी आपके लिए उतने अच्छे नहीं होते, जितने होने चाहिए और जब मैदान में आते हैं, तो चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.'