-मंडलीय हॉस्पिटल में सिक्योरिटी के अभाव में आए दिन हो रही हैं चोरियां

-सिक्योरिटी के लिए SIC ने एडमिनिस्ट्रेशन को भेजा लेटर पर कोई इंतजाम नहीं

VARANASI: सेंट्रल गवर्नमेंट बदली, स्टेट गवर्नमेंट बदली लेकिन नहीं बदली तो सिर्फ मंडलीय हॉस्पिटल की तस्वीर। मंडलीय हॉस्पिटल में आए दिन आपको तरह-तरह की कंम्पलेंस सुनने को मिल ही जाएंगी। लेकिन उनका सॉलिड सॉल्यूशन किसी के पास ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगा। फिलहाल इस टाइम हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन व पेशेंट्स की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि उनके सामानों की सिक्योरिटी कैसे की जाए। डेली हो रही चोरी की घटनाओं से हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन भी सकते में है।

तीमारदार के सामान भी सेफ नहीं

मंडलीय हॉस्पिटल चारों तरफ से ओपेन है। इसी का फायदा उठाकर चोर-उचक्के आए दिन चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वे कभी पेशेंट्स वॉर्ड को निशाना बना रहे हैं तो कभी तीमारदारों के सामान ले उड़ रहे हैं। परिसर में मोबाइल चोरी की घटनाएं तो आम बात हो गई है। दो दिन पहले इमरजेंसी वॉर्ड से ऑक्सीजन की पीतल पाइप दूसरी बार चोरी हो गई। इसके अलावा एक कार की बैटरी और बाइक भी हॉस्पिटल कैंपस से चोरी हो चुकी है। आरओ प्लांट की मशीन को भी चोरों ने पार कर दिया था।

पुलिस तो है लेकिन सिक्योरिटी नहीं

मंडलीय हॉस्पिटल में पुलिस चौकी तो है लेकिन सिक्योरिटी दे पाने में वह नाकाम है। कई बार तो पुलिस चौकी के बाहर से ही साइकिलें व बाइक्स गायब हो चुकी हैं। कुछ पेशेंट्स का आरोप है कि पुलिस अगर चोर-उचक्कों को पकड़ लेती है तो उन्हें बाद में महज हिदायत देकर छोड़ देती है।

रात में करते हैं हाथ साफ

हॉस्पिटल में रात में चोरी की ज्यादा घटनाएं हो रही हैं। इस समय हॉस्पिटल कैम्पस में सन्नाटा पसरा रहता है। सिर्फ पेशेंट्स के तीमारदार व इक्का-दुक्का स्टाफ ही ड्यूटी पर रहते हैं। ऐसे में हॉस्पिटल में कौन आया, कौन बाहर गया इन सब पर नजर रखने वाला कोई नहीं होता है। नाइट ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी भी अपने मनमाफिक टाइम से आते-जाते हैं।

मंडलीय हॉस्पिटल का चार्ज लेते ही मैंने सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को हॉस्पिटल की सिक्योरिटी को दुरुस्त करने को लेकर लेटर लिखा था। लेकिन सिक्योरिटी का अब तक कोई इंतजाम नहीं हुआ है। इसी वजह से चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं।

डॉ। शरदचंद्र मिश्रा,

एसआईसी, मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा