मस्जिद के रास्ते पर मिला असली हिंदुस्तानी
मुंबई के रहने वाले रमीज शेख को बीते शुक्रवार यानि 26 अगस्त 2016 को जुमे की नमाज अदा करने मस्जिद जाना था, पर उन्हें काफी देर हो गयी। रमीज जल्दी में ऑफिस से निकले और हड़बड़ी में एक ऑटो में बैठ गए। ऑटो में बैठने के बाद उन्हें पता चला कि वे अपना वॉलेट ऑफिस में ही भूल आये हैं। उन्होंने ऑटोवाले से गुजारिश की, कि वो उन्हें मस्जिद पहुंचा कर कुछ देर वहीं रुका रहे और फिर वापस ऑफिस ले आये। उन्होंने ये भी कहा कि वे अपना वॉलेट भूल आये हैं और वापस पहुंच कर किराये से ज्यादा पैसे देंगे। इसके बाद जो कुछ हुआ उसे जानकर कितने ही लोगों को हिंदुस्तानी होने पर गर्व होगा और शायद कुछ लोगों को अपनी अंधभक्ति पर शर्मिंदगी होगी।

हिंदू गणपति भक्त का बड़प्पन
रमीज ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उस ऑटोवाले ने अपने ऑटो के विंडस्क्रीन पर गणपति उत्सव का स्टीकर चिपका रखा था और माथे पर बड़ा सा लाल तिलक लगा रखा। उसने जो कहा उसे सुन कर रमीज हैरान रह गए। वो बोला कि "आप भगवान के काम के लिए जा रहे हो चिंता मत करो सब ठीक होगा, मैं आपको छोड़ दुंगा पर रुक नहीं पाउंगा क्योंकि मुझे आगे कहीं जाना है। पैसों की चिंता मत करो।" बात यहीं खत्म नहीं हुई। इसके बाद जो हुआ वो तो रमीज के लिए किसी शॉक से कम नहीं था। मस्जिद पहुंच कर शुक्ला नाम के उस ड्राइवर ने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाले और उन्हें देते हुए बोला कि "ये रख लो, कोई भी तुम्हें छोड़ देगा।" वो ये तय कर लेना चाहते थे कि रमीज सही सलामत पहुंच गए।  उन्होंने रमीज को आश्वस्त किया कि वे शर्मिंदगी महसूस ना करें।

कैसे एक ऑटो वाले ने भ्रम तोड़ कर दिखाया रियल इंडिया का चेहरा

देश के इस सच्चे चेहरे को फेसबुक पर किया शेयर
रमीज ने शुक्लाजी की तस्वीर के साथ इस सारी घटना को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया। उन्होंने कहा कि वो चाहते के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक एक सच्चे भारतीय का चेहरा और उसका बड़प्पन पहुंचे। उन्हें विश्वास है कि इससे नकारत्मकता कम होगी और सकारत्मक सोच को बढ़ावा मिलेगा। रमीज की इस पोस्ट को महज दो दिन में करीब पांचहजार लोगों ने देखा, शेयर किया, पसंद किया और इस पर कमेंट लिखे। जिसमें से एक था ये है रियल इंडिया। रमीज ने अपनी अगली पोस्ट में कहा कि उन्होंने जब शुक्ला जी को उनके पैसे देने के लिए फोन किया और पैसे देने पहुंचे तो उनके चेहरे पर ऐसे भाव थे जैसे ये कोई बड़ी बात नहीं है, और पैसे लेते हुए उनको देख कर ऐसा लग रहा था जैसे रमीज ने कोई बड़ा कमाल का काम कर दिया हो। रमीज उनकी इस साफ दिली और मासूमियत पर हैरान थे और इसीलिए उन्होंने लोगों को ये कहानी सुनाने का फैसला किया था।

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