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PATNA: जिस पटरी से सीमांचल एक्सप्रेस ने अपना रास्ता बदला था, उसके नीचे सड़ी हुई लकड़ी का स्लीपर लगा हुआ था। ट्रेन का दबाव पाते ही यह स्लीपर धंस गया। पटरी उखड़ी और ट्रेन की 10 बोगियां हवा में उड़ती हुई जमीन पर जा गिरी। घटना के 36 घंटे बाद भी रेलवे ने अभी तक जुगाड़ लगाने वाले जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

लकड़ी का स्लीपर :
इस जुगाड़ को रेलवे ने दो सीमेंट के स्लीपर के बीच पटरी के नीचे लगाया था।

सीमेंट का स्लीपर :
इससे पटरियों को जमीन पर आधार दिया जाता है।

सीएमएस क्रॉसिंग बॉडी :
ट्रेन को एक पटरी से दूसरे पटरी पर जाने का रास्ता।

लॉक पिन :
इससे स्लीपर और पटरी को लॉक किया जाता है।

ट्रैकमैन :
पटरी का नियमित मेंटेनेंस देखना। लॉक पिन और स्लीपर चेक करना।

सीनियर सेक्शन इंजीनियर:
मेंटेनेंस के सामान को स्टोर करना और निरीक्षण करना।

सीनियर ट्रैकमैन :
ट्रैकमेन के काम को नियमित ऑब्जर्व करना। पटरी का मेंटनेंस चेक करना।

असिस्टेंट डिवीजनल इंजीनियर:
एडमिनिस्ट्रेटिव काम, वेलफेयर, रेलवे से पत्र व्यवहार करना।

मिस्त्री :
15 ट्रैकमेनों की टीम होती है। यह इनका हेड होता है। पटरी देखना इसका काम है।

डिवीजनल इंजीनियर:
इन्हें डिवीजन में 50-100 किमी पटरी की जिम्मेदारी दी जाती है।

जेई :
 ट्रैक पर काम के लिए ब्लॉक लेना। रात में पटरी का औचक निरीक्षण करना।

डीआरएम :

मंडल में कोई गड़बडी न हो इसकी नियमित जांच करते रहना।

सीनियर डीएन :
इनका काम कोऑर्डिनेशन का है। डीआरएफ डीएन का मैसेज आ रहा है वो आगे फारवर्ड करना है। मैनपॉवर इंजीनियर और सुरवाइजर जरूरत के हिसाब से उपलब्ध करना।

आज से जांच शुरू होगी
हादसे के कारणों को लेकर टीम जांच मेंं जुट गई है। विस्तृत तौर पर मंगलवार से जांच शुरू होगी। इस मामले के जांचकर्ता रेल संरक्षा आयुक्त मोहम्मद लतीफ सोमवार को चेन्नई से पटना पहुंच गए हैं। इनका मुख्यालय कोलकाता में है लेकिन निजी काम से वो चेन्नई गए थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए उन्हे तत्काल पटना बुला लिया गया है।

पटना पहुंची जीआरपी टीम

घटना के बाद हाजीपुर जीआरपी टीम घायल यात्रियों का बयान ले रही है। पहले टीम हाजीपुर सदर अस्पताल गई। वहां से बयान लेने के बाद जो 8 यात्री पटना में रेफर किए गए हैं। उनका बयान दर्ज करने के लिए पीएमसीएच पहुंची।

लकड़ी का स्लीपर लगाने के लिए जिम्मेदार कौन है। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। जांचकर्ता पटना पहुंच गए हैं। जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी। उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कुमार, सीपीआरओ, ईसीआर

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