-अतिक्रमण के खिलाफ चले अभियान के दौरान लगभग चार हजार क्विंटल लोहे के स्ट्रक्चर हुए थे जब्त

- अवैध तरीके औने-पौने दाम पर बेच दिया गया मलबा

PATNA(21Sept):

नगर निगम योजनाएं बनाता है लेकिन उसके बैकअप और योजना लागू करने के बाद उसके कचरे की व्यवस्था करना भूल जाता है। निगम का हाल ये है कि कूड़े की समस्या का निपटारा नहीं कर पा रहा है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली गाडि़यों का कूड़ा तो डंपिंग यार्ड तक पहुंच जाता है लेकिन शहर में चलने वाले अतिक्रमण हटाओ अभियान का हाल बेहाल है। निगम एक तरफ जहां अतिक्रमण हटाकर शहर को साफ कर रहा है वही,ं इस अतिक्रमण के कचरे को जहां-तहां जमा कर दिया जा रहा है। पटना नगर निगम ने पिछले एक साल में हजारों होर्डिंग स्ट्रक्चर, यूनिपोल और टेलीफोन पोल को अतिक्रमण के नाम पर हटाया लेकिन अतिक्रमण के नाम पर हटाए गए लोहे के अवशेषों को सुरक्षित नहीं रखा गया। ना ही उसे हटाने की कोई व्यवस्था की गई।

मलबे से लाखों का खेल

शहर में अतिक्रमण के नाम पर तोड़े गए सैकड़ों इमारत और हजारों होर्डिंग स्ट्रक्चर के मलबे से भी लाखों की कमाई का बड़ा खेल हुआ। निगम के उच्चाधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। दरअसल, अलग-अलग अंचलों ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान लगभग चार हजार क्विंटल लोहे के होर्डिग फ्रेम और यूनिपोल को जब्त किया गया था। इसे लावारिस हालत में इधर-उधर रख दिया गया था। जिस वजह इसमें से अधिकांश को अवैध तरीके से औने-पौने दाम में बेच दिया गया।

नहीं है इन कचरे को रखने की व्यवस्था

नगर निगम अंचल कार्यालयों के पास अतिक्रमण के मलबा और होर्डिंग-यूनिपोल के स्ट्रक्चर को रखने के लिए कोई स्थान नहीं है। अंचल कार्यालय हो या भी डंपिग यार्ड इन मलबों के रखने की कोई जगह नहीं है जिसके कारण इन लोहे के मलबों का क्या हुआ कोई नहीं जानता । निगम की अधिकारियों की मिली भगत से ना सिर्फ औने पौने दाम पर ये लोहे बिके बल्कि जो थोड़े बहुत बचे उसे राहगीर और स्थानीय लोगों ने गायब कर दिया।

एक साल में निगम की कार्रवाई

- 100

काटे गए यूनिपोल

- 2000

टेलीफोन के पोल काटे गए

- 4100

होर्डिंग और उसका स्ट्रक्चर अभियान के दौरान काटे गए

- 100

टन लोहा जब्त किया गया अतिक्रमण के खिलाफ अभियान में

मलबे की खरीद बिक्री के लिए किसी को परमीशन नहीं दी गई है। मलबे को मुख्य डंपिंग यार्ड में ले जाया जाएगा।

-संजय कुमार, सिटी मैनेजर, पटना नगर निगम