GORAKHPUR: समाज के निर्माण में यूनिवर्सिटी की भूमिका सर्वकालिक महत्वपूर्ण रही है। ऐसे में इस पर विचार करना होगा कि यूनिवर्सिटी के शिक्षण प्रक्रिया को कैसे स्तरीय बनाया जाए तथा बुनियादी शिक्षा को उच्च शिक्षा और समाज के लिए किस तरह से लाभप्रद बनाया जाए। इस दिशा में पहल करते हुए शीघ्र ही बेसिक शिक्षा में तैनात शिक्षकों को यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रशिक्षित किया जाएगा। यूनिवर्सिटी अपने ज्ञान एवं दक्षता के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से बुनियादी शिक्षा के विद्यार्थियों व शिक्षकों को अपना हरसंभव सहयोग देगा। यह बातें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बेसिक शिक्षा विभाग के डॉ। सतीश चंद्र द्विवेदी ने डीडीयूजीयू के फ्8वें दीक्षांत सप्ताह समारोह के अंतर्गत विशेष जागरूकता प्रकोष्ठ द्वारा 'बुनियादी शिक्षा के रूपांतरण में सरकार और विश्वविद्यालय की भूमिका-उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में' विषय पर आयोजित व्याख्यान में कही।

विशिष्ट अतिथि प्रति कुलपति प्रो। हरिशरण ने कहा कि यह सुखद है कि बेसिक शिक्षा के विद्यालयों की स्थिति में सुधार हो रहा है। बेसिक शिक्षा ही उच्च शिक्षा का आधार है, जिसकी मजबूती के आधार पर हम विकास को गति प्रदान कर सकते हैं।

य पी देश का बेहतर राज्य बनने की ओर

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वीसी प्रो। वीके सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज जिस तरह से बुनियादी शिक्षा में सुधार किया जा रहा है, निश्चित ही उत्तर प्रदेश एक बेहतर राज्य बनने की ओर अग्रसर है। यूनिवर्सिटी ने कुछ गांवों को गोद लेकर वहां के प्राथमिक विद्यालयों के रूपांतरण के लिए इस दिशा में विशेष प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।

मानव जीवन की कुछ ऐसी आवश्यकताएं

विशेष जागरूकता प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो। अजय कुमार शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शिक्षा हर राष्ट्र के विकास और सशक्तिकरण का आधार है। कार्यक्रम में आभार ज्ञापन करते हुए प्रो। राजवंत राव ने व्याख्यान के विषय को अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ। मनीष पांडेय, सह संयोजक, विशेष जागरूकता प्रकोष्ठ ने किया।

कार्यक्रम के दौरान यह रहें उपस्थित

प्रो। हुमा सब्जपोश, प्रो। जीतेन्द्र मिश्रा, प्रो। नंदिता सिंह, प्रो। शिखा सिंह, प्रो। सुनीता मुर्मू, प्रो। मुरली मनोहर पाठक, प्रो। एनपी भोक्ता, प्रो। संगीता पांडेय, प्रो। विनोद कुमार सिंह, प्रो। मानवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रो। शरद मिश्रा, वित्त अधिकारी वीरेंद्र चौबे, नियंता प्रो। प्रदीप यादव, विशेष जागरूकता प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ। अमित उपाध्याय, डॉ। आशीष शुक्ला, डॉ। पंकज सिंह, डॉ। तूलिका मिश्रा, डॉ। अमृतांशु शुक्ला, बृजेश कुमार, डॉ। मनीष राय, डॉ। टीएन मिश्रा आदि उपस्थित रहें।