मुंबई (पीटीआई) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की दर में कटौती और अर्थव्यवस्था को चलाने के अन्य उपाय बाजार की उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहे। बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में नुकसान के कारण सेंसेक्स ने शुक्रवार को 260 अंकों की गिरावट दर्ज की। दिन के दौरान 450 अंक गिरने के बाद, 30 शेयरों 260.31 अंक या 0.84 प्रतिशत कम होकर 30,672.59 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 67 अंक या 0.74 प्रतिशत नीचे 9,039.25 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में एक्सिस बैंक 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ टॉप लूजर रहा, इसके बाद एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, बजाज ऑटो, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयर्स भी काफी पीछे रहे।

एमएंडएम के शेयर को हुआ फायदा

दूसरी ओर, एमएंडएम, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और टेक महिंद्रा लाभार्थियों में से एक रहे। इससे पहले दिन में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के प्रयास में रेपो दर में 40 बेसिस अंकों की कटौती कर 4 प्रतिशत कर दिया और रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत कर दिया गया। केंद्रीय बैंक ने ऋण पुनर्भुगतान पर तीन महीने की मोहलत को भी 31 अगस्त तक बढ़ा दिया और कंपनियों के लिए बैंकों के समूह जोखिम की सीमा बढ़ा दी। कैपिटल मार्केट स्ट्रैटेजी के प्रमुख गौरव दुआ ने कहा, 'आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती परिसंपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों के जोखिम को दूर करने के लिए ऋण के पुनर्गठन पर कोई राहत की घोषणा नहीं की है जो कि इक्विटी बाजारों के लिए निराशा के रूप में आया है।'

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