मुंबई (पीटीआई) कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार कम होने के डर ने लगातार तीन दिनों से हरे निशान में चल रहे बाजार की बढ़त को रोक दिया। शुक्रवार को सेंसेक्स 131 अंक लुढ़क कर बंद हुआ। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर 21 दिन के लाॅकडाउन के असर को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की राहत घोषणा की। साथ ही आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की वार्षिक विकास दर को लेकर चिंता जताई, जिससे बाजार दिन भर हरे निशान पर कारोबार करने के बावजूद अंत तक बढ़त कायम नहीं रख सका।

आरबीआई की घोषणा से दिन भर हरे निशान में कारोबार करता रहा बाजार

आरबीआई ने 15 सालों में सबसे ज्यादा 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती करते हुए रेपो रेट 4.4 प्रतिशत कर दिया है। इतना ही नहीं सीआरआर भी 100 बेसिस प्वाइंट घटा कर 3 प्रतिशत कर दिया है। इससे बैंकिंग सिस्टम में 1.37 लाख करोड़ रुपये आ जाएंगे। साथ ही नियामक ने तीन महीनों के लिए ईएमआई रोकने की मंजूरी भी दे दी है। इससे बाजार बढ़त के साथ कारोबार करता रहा लेकिन बाद में 131.18 अंक या 0.44 प्रतिशत गिर कर 29,815.59 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 31,126.03 अंक के उच्चतम स्तर और 29,346.99 अंक के न्यूनतम स्तर तक आ गया था। दूसरी ओर एनएसई निफ्टी 18.80 अंक या 0.22 प्रतिशत मामूली बढ़त के साथ 8,660.25 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस टाॅप लूजर और एक्सिस बैंक टाॅप गेनर रहे

सेंसेक्स में बजाज फाइनेंस टाॅप लूजर रहा। इसमें 8 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बाद हीरो मोटरकार्प, इंडसइंड बैंक, मारुति और एचसीएल टेक इस सूची में रहे। एक्सिस बैंक, आईटीसी, एनटीपीसी और एमएंडएम सेंसेक्स पैक में टाॅप गेनर रहे। कारोबारियों का कहना था कि ब्याज दरों में बड़ी कटौती के बावजूद अर्थव्यवस्था की चिंता में शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। दरअसल कोविड-19 की रोकथाम के लिए देश में 21 दिनों का लाॅकडाउन चल रहा है। इससे कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसी को लेकर केंद्रीय बैंक ने चिंता जताई कि देश की अनुमानित वार्षिक विकास दर प्रभावित हो सकती है।

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