- विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट, अपर न्यायाधीश की कोर्ट ने सुनाई सजा

- मुंहबोले मामा ने लखनऊ के सआदतगंज में की थी हैवानियत

- गला दबाने के बाद हथौड़े से वार कर की थी हत्या

कब कब क्या हुआ

15 सितंबर 19 : सआदतगंज में बच्ची का अपहरण कर रेप व हत्या की घटना को अंजाम दिया

15 सितंबर 19 : देर रात अभियुक्त राजू मिर्जा को पुलिस ने गिरफ्तार किया

21 सितंबर 19 : विवेचना के दौरान 6 दिन के भीतर ही अभियुक्त के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की

12 अक्टूबर 19: अभियुक्त के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई

17 जनवरी 2020 : अभियुक्त के खिलाफ कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई

LUCKNOW (17 Jan) :

दिल्ली की निर्भया मामले में दोषियों को फांसी देने में कानूनी अड़चनों के बीच लखनऊ में रेप के बाद हत्या के दोषी को केवल 4 माह में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाते हुए नजीर पेश की है। सूबे में संभवत: यह पहला मामला होगा जब किसी रेप और हत्या के मामले में इनती जल्दी फैसला आया हो।

दिल दहलाने वाली थी घटना

15 सितंबर 2019 को ठाकुरगंज के बाबा हजारा बाग गढ़ी पीर खां में छह साल की मासूम की रेप के बाद हत्या की गई थी। मासूम लहूलुहान अवस्था में मुंह बोले मामा बबलू अराफात उर्फ राजू मिर्जा के घर से मिली थी। मामले काफी संवेदनशीलता दिखाते हुए राजधानी पुलिस ने आरोपी बबलू को महज 24 घंटे के भीतर ही अरेस्ट कर लिया था। उस पर एनएसए के तहत भी कार्यवाही की गई थी। अरेस्ट होने के बाद आरोपित बबलू ने कबूल किया था कि वह मासूम को बहाने से अपने घर लेकर गया था, जहां उसने हैवानियत की हदें पार कर दी थीं। मुहंबोले मामा ने मासूम पर न केवल चाकू से हमला किया था, बल्कि हथौड़े से भी कई वार किए थे। बच्ची के माथे और दायें आंख के ऊपर चोट के निशान मिले थे।

40 हजार का जुर्माना भी

अदालत ने आरोपित बबलू को हत्या के लिए अपहरण करने के आरोप में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जघन्य वारदात के आरोपित के खिलाफ कोर्ट में पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी के निर्देशन में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन त्रिपाठी एवं पॉक्सो एक्ट के विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय ने की। इस दौरान केस में योजनाबद्ध रूप से विवेचना की कार्ययोजना तैयार करते हुए संकलित वैज्ञानिक साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। विवेचना में घटना स्थल तथा मासूम के शव से मिले स्पर्म और डीएनए मैच कराया गया। एफएसएल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि भी हुई। वहीं 11 गवाहों ने भी अपनी गवाही से आरोपित को उसके अंजाम तक पहुंचाया।

पुलिस ने दिखाई संवेदनशीलता

जघन्य केस की विवेचना में वैज्ञानिक विधि से साक्ष्य के आधार पर तत्कालीन एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ बाजारखाला अनिल यादव व इंस्पेक्टर सआदतगंज महेश पाल सिंह विधिक कार्रवाई कर मात्र 6 दिन में अभियुक्त राजू मिर्जा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में पुलिस ने बेहद संवेदनशीलता दिखाते हुए आरोपित 12 अक्टूबर 19 को एनएसए की कार्यवाही भी की गई।

अलग वकील व कोर्ट मोहर्रर किया नियुक्त

अपर पुलिस उप आयुक्त पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मासूम बच्ची के दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त के खिलाफ विवेचना की कार्रवाई के लिए विशेष तौर पर पैरवी की गई। केस की जल्द सुनवाई के लिए इस केस के लिए ही अलग से कोर्ट मोहर्रर की नियुक्त किया गया। यहीं नहीं सरकारी वकील पर ज्यादा काम होने के चलते एक अतिरिक्त सरकारी वकील की नियुक्त किया गया। फॉरेंसिक रिपोर्ट से लेकर केस से संबंधित साक्ष्य को हर हालत में जल्द से जल्द जुटाकर कोर्ट में पेश किया गया।

कोट

बबलू उर्फ अराफात ने छह वर्षीय पीडि़ता के साथ निर्दयता की। उसका बलात्कार किया। जघन्य तरीके से हत्या की। यह मामला रेयर ऑफ रेयरेस्ट की कैटेगिरी में आता है। लिहाजा अभियुक्त को मृत्युदंड के लिए गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।

- अरविंद मिश्र, पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश

कोट

लखनऊ पुलिस की प्रभावी पैरवी से 6 साल की मासूम की रेप व हत्या के मामले में आरोपित के खिलाफ न केवल 6 दिन में चार्जशीट दाखिल की गई बल्कि साइंटिफिक एवीडेंस को कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में दोषी को सजा ए मौत का फैसला कोर्ट ने सुनाया है। यह अपने आप में पहला मामला होगा जहां इतनी त्वरित कार्रवाई हुई है।

-सुजीत पांडेय, पुलिस कमिश्नर लखनऊ