सेप ब्लाटर ने अपने इस्तीफे की घोषणा मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में की. उन्होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए फीफा की विशेष कांग्रेस बुलाई जाएगी. ब्लाटर ने कहा कि मैं दुनिया में जिस एक चीज से लगाव रखता हूं, वह फीफा ही है, मैं इस संस्था का हमेशा भला चाहता हूं. भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) ने स्विट्जरलैंड की पुलिस के साथ मिलकर छह दिन पहले ज्यूरिख के एक होटल में छापा मारकर फीफा के सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से ब्लाटर चारों ओर से आलोचना झेल रहे थे. उनका इस्तीफा इस मायने में भी अहम है कि आगामी शुक्रवार को यूरोप के फुटबॉल समूह देश इस बात पर विचार करने वाले हैं कि क्यों न फीफा से अलग होकरSepp Blatter playing football वैकल्पिक विश्व कप आयोजन की दिशा में आगे बढ़ा जाए. दरअसल  यूरोपीय देशों ने 2018 में रूस में होने वाले विश्व कप का विरोध करने का पूरा मन बना लिया है.

 

यूरोपीय देश थे खिलाफ

ब्लाटर का विरोध करने वाले यूरोपीय देश उनके इस्तीफे पर अड़े हुए थे. ये चाहते थे कि भ्रष्टाचार मामले में नाम उछलने के बाद उन्हें फीफा अध्यक्ष पद से हट जाना चाहिए. ब्लाटर के इस्तीफे के साथ ही यूरोपीय देशों की प्रमुख मांग पूरी हो गई.

ब्लाटर का सफर

ब्लाटर ने 17 सालों तक फीफा महासचिव का पद संभाला और 1998 में वह पहली मर्तबा अध्यक्ष पद पर काबिज हुए. 2002 से ही ब्लाटर पर वित्तीय अनियमितिताओं के आरोप लगते रहे और हाल में फीफा में हुए भ्रष्टाचार के मामले ने पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया. यहां तक कि ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने भी कहा कि फुटबॉल के खेल को साफ-सुथरा रखा जाए.

फीफा के अधिकारी डोमिनिको स्काला ने कहा कि अध्यक्ष पद के नए चुनाव के लिए चार माह के नोटिस की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि अगले अध्यक्ष के चुनाव की तिथि का फैसला कार्यकारी समिति करेगी और यह दिसंबर से मार्च के बीच कभी भी हो सकता है.

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