डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद अब एक अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र में करने होंगे कई बदलाव

ALLAHABAD: नकलविहीन परीक्षा कराने में आशातीत सफलता से उत्साहित डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने अब क्लासों का टारगेट पूरा कराने पर फोकस किया है। अब जिले के अधिकारी इस तैयारी में लगे हैं कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे शिक्षा सत्र 2018-19 में कैसे 220 दिन क्लास के टारगेट को पूरा किया जाए। हालांकि वे यह भी कह रहे हैं कि 2017-18 का सत्र लेट होने और परीक्षा पहले होने के कारण क्लास महज 144 दिन चल पाई, लेकिन इस बार सबकुछ समय से होने के कारण इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी।

कोर्स पूरा करने में छूटा था पसीना

यूपी बोर्ड में पिछले सत्र की शुरुआत एक जुलाई से हुई। विधान सभा चुनाव के कारण अप्रैल में शुरू होने वाले सत्र को जुलाई से शुरू करने और बोर्ड परीक्षा फरवरी की शुरुआत में शुरू होने से महज 144 दिन ही क्लासेस का संचालन किया जा सका। इसके कारण स्कूलों में सही ढंग से पढ़ाई नहीं हो सकी और कोर्स पूरा करने में भी स्टूडेंट्स और टीचर्स के पसीने छूट गए। इस बारे में विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपलों ने बताया कि पिछले सत्र में क्लासेस का संचालन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया था। इसके कारण कोर्स को पूरा करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। अप्रैल में शुरू हो रहे नए सत्र से यदि पढ़ाई पर फोकस किया जाएगा तो नकल की जरूरत स्टूडेंट्स को नहीं पड़ेगी।

फैक्ट फाइल

सत्र 2017-18 में क्या रही स्कूलों की स्थिति

- एक जुलाई से हुई 2017 के सत्र की शुरुआत

- 15 जनवरी तक ही ज्यादातर जिलों में हो सकी पढ़ाई

- बोर्ड परीक्षा के प्रैक्टिकल में कुल 15 दिन का लगा समय

- एक क्लास का समय 40 मिनट

- मानक के अनुसार कम से कम 220 दिनों तक होना चाहिए क्लासेस का संचालन

- दसवीं की बोर्ड परीक्षा में लगे कुल दिनों की संख्या 14

- इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में लगे कुल दिनों की संख्या 25

पिछले सेशन में पढ़ाई के लिए काफी कम समय मिला। इस बार सत्र अपने निर्धारित समय पर शुरू हो रहा है। यदि जरा सी मेहनत सभी टीचर्स करेंगे तो डिप्टी सीएम के निर्देश का सही प्रकार से पालन हो सकेगा।

इंदु सिंह, प्रिंसिपल, जीजीआईसी सिविल लाइंस

अगर स्कूलों में सही तरीके से पढ़ाई हो तो नकल की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए मदरसा बोर्ड और संस्कृत बोर्ड की परीक्षाएं उन्हीं स्कूलों में कराई जाएं। इनकी परीक्षाओं के कारण भी काफी समय खराब होता है। स्कूलों का समय-समय पर निरीक्षण हो। तभी ये प्लानिंग पूरी हो सकेगी।

बृजेश कुमार शर्मा

प्रिंसिपल, सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कालेज