-प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने का मामला

-एक दिन पूर्व ही एर्नाकुलम स्थित एनआइए की विशेष अदालत ने पाया था दोषी

रांची : केरल के एर्नाकुलम स्थित एनआइए की विशेष अदालत ने मंगलवार को रांची के बरियातू निवासी मंजर इमाम व दानिश को सात-सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इनपर आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के केरल स्थित आतंकी प्रशिक्षण केंद्र में शामिल होने और आतंकी साठगांठ में संलिप्तता का आरोप है। आरोपितों में मंजर व दानिश के अलावा 16 अन्य भी शामिल हैं। इनमें सिमी का नेता सफदर नागौरी भी शामिल है। एक दिन पूर्व ही यानी सोमवार को एनआइए की विशेष अदालत ने सभी 18 आरोपितों को दोषी करार दिया था। वहीं, इस कांड में संलिप्त 17 अन्य आरोपितों को इस कांड से बरी कर दिया था।

अलग-अलग सजा

विशेष अदालत ने दोषियों को अलग-अलग कानूनों के तहत अलग-अलग सजा सुनाई है। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धारा-10 के तहत एक साल सश्रम कारावास और धारा-38 के तहत पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) के तहत उन्हें सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि 14 दोषी सात साल से भी ज्यादा समय से न्यायिक हिरासत में हैं और अदालत की अनुमति से उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि, इनमें अधिकतर ऐसे आरोपित हैं, जिनपर देश के दूसरे कांडों में भी संलिप्तता का आरोप है। ऐसे में उनका जेल से छूटना आसान न होगा।

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2007 में केरल में लगा था शिविर

आतंकियों पर दिसंबर 2007 में केरल के मुंडाकयाम थाना क्षेत्र स्थित थंगलपाड़ा वागामोन में आयोजित सिमी के विशेष प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने का आरोप है। इस शिविर में आतंकियों ने शारीरिक प्रशिक्षण, फाय¨रग का अभ्यास, विस्फोटक का प्रशिक्षण, मोटरबाइक रेसिंग, रस्सी पर चढ़ने का अभ्यास किया था। इन्हें देश में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां करने की जिम्मेदारी मिली थी।

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