एक की हालत गंभीर, पैर काटने की नौबत, जीवन ज्योति हॉस्पिटल में भर्ती

पुराने यमुना पुल के सहारे सीवर लाइन ले जाने का चल रहा काम

ALLAHABAD: करीब सौ वर्ष पुराने यमुना पुल से सीवर लाइन ले जाने का काम चल रहा है। मंगलवार को यहां अचानक हुए हादसे में तीन मजदूर यमुना नदी में गिर गए और एक दर्जन से अधिक ने भाग कर जान बचाई। नदी में गिरकर घायल एक मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टर्स की मानें तो उसकी जान बचाने के लिए पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।

उस पार जानी है सीवर लाइन

नैनी स्थित गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के ट्रीटमेंट प्लांट में गऊघाट से आने वाले सीवर लाइन को जोड़ा जाना है। इसके लिए पुराने यमुना पुल पर पुल के किनारे-किनारे गार्डर ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी मदद से सीवर लाइन ले जानी है। गार्डर ट्रैक बनाने का जिम्मा गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने जेसीएल कंपनी को दी है।

अचानक हुआ हादसा

पुल के एक साइड गार्डर ट्रैक बन चुका है। दूसरे साइड काम चल रहा है। मंगलवार को पुल के चार और पांच नंबर खंबे के बीच गार्डर रख ट्रैक जोड़ा जा रहा था। अचानक पांच नंबर की तरफ कुछ दिक्कत होने पर गार्डर एक तरफ से नदी की ओर झुकने लगा। गार्डर लगाने में आठ-दस मजदूर लगे थे, जिनमें से तीन कोई सपोर्ट न होने के कारण नदी में गिर गए और बाकी ने किसी तरह भाग कर जान बचाई।

ट्रैक में फंस गया पैर

गिरते समय एक मजदूर का पैर ट्रैक में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे जीवन ज्योति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बाकी को हल्की चोट आई। घटना की जानकारी होते ही कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मौके पर पहुंचे।

गार्डर का कॉलम जोड़ा जाता है। मंगलवार को काम के दौरान एक पैनल गिर गया। एक लेबर को ज्यादा चोट आई है। दो को हल्की चोट आई है। घटना क्यों हुई ये तो मजदूर ही बता सकते हैं, उनसे बात की जा रही है।

प्रदीप कुमार अग्रवाल

जीएम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई