- लॉन्चिंग के बाद से ही सीवर और ड्रेनेज से जूझ रहा है क्षेत्र

- अगले वर्ष तक पूरा किया जा सकता है प्रोजेक्ट, मिलेगी राहत

आगरा। शास्त्रीपुरम वर्ष 1989 से अस्तित्व में आया था। तभी से आज तक अपने हाल पर फूट फूट कर रोता आ रहा है, लेकिन शास्त्रीपुरम के हालातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। कई कमिश्नर और डीएम आए और गए, लेकिन यहां के न तो हालात ही बदले और न ही सूरत बदली। करीब 27 साल बाद अब शास्त्रीपुरम करीब तीन सौ करोड़ की लागत से निहाल होने जा रहा है। शीघ्र ही समस्याओं के समाधान के लिए कार्य शुरू होने जा रहा है।

सीवर और ड्रेनेज की है समस्या

शास्त्रीपुरम में सीवर और ड्रेनेज सबसे बड़ी समस्या है। इसके कारण अपेक्षा के मुताबिक यह क्षेत्र विकसित भी नहीं हो सका है। जितना भी विकसित हुआ है, उस क्षेत्र में रहने वाले लोग नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं। थोड़ी सी बारिश हो जाने के बाद यहां पर जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है। घरों में पानी घुस जाता है।

यमुना में गिरेगा बारिश का पानी

शास्त्रीपुरम क्षेत्र का बारिश का पानी यमुना में ले जाया जाएगा। इसके लिए एडीए ने दो बड़ी बाधाओं को करीब 22 करोड़ में पार किया है। पहली है रेलवे और दूसरी है नेशनल हाईवे-2. ड्रेनेज सिस्टम के माध्यम से आगरा-मथुरा रेल मार्ग को क्रॉस करते हुए एनएच-2 से होते हुए यमुना नदी में ले जाया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने करीब 18 लाख और हाईवे अथॉरिटी ने करीब छह करोड़ रुपये की मांग की है।

सदरवन में बन रहा है सीवर ट्रीटमेंट प्लॉट

बिचपुरी विकास खंड के गांव सदरवन में सीवर ट्रीटमेंट प्लॉट का निर्माण कराया जा रहा है। वहां तक लाइन डाले जाने के लिए और समस्त सीवर लाइन पर करीब 100 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा। जहां पर भी सीवर लाइन ब्लॉक है या टूट गई हैं, उसे नए सिरे से डाला जाएगा। इस क्षेत्र में सीवर और ड्रेनेज सिस्टम तैयार होने में एक साल लगेगा। एडीए अधिकारियों का कहना है कि अगले वर्ष होने वाली बारिश का पानी यमुना में ही गिरेगा।

खोदी जाएंगी सभी सड़कें

सीवर लाइन को ठीक किए जाने और नए सिरे से डाले जाने के लिए शास्त्रीपुरम की सभी सड़कों को खोदा जाएगा। खुदाई और उसके निर्माण में करीब सवा सौ करोड़ का खर्चा आएगा। सीवर और ड्रेनेज सिस्टम को बनाने पर करीब तीन करोड़ का खर्चा आएगा।

1384 हेक्टेयर क्षेत्र को होगा लाभ

शास्त्रीपुरम में एडीए का मात्र 250 हेक्टेयर क्षेत्र है। लेकिन शेष क्षेत्र प्राइवेट और एडीए से एप्रूव्ड है। करीब तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से ड्रेनेज और सीवर सिस्टम विकसित होने जा रहा है, जिससे 1384 हेक्टेयर क्षेत्र लाभांवित होगा।

डगमगाते विश्वास को पाने की कोशिश

शास्त्रीपुरम क्षेत्र को आगरा विकास प्राधिकरण ने ही विकसित किया है। एडीए कहीं पर भी और किसी भी हालत में कोई भी प्रोजेक्ट लॉन्च करता है, तो आम लोग अथॉरिटी के सरकारी होने के चलते उस पर विश्वास करते हैं। अपनी बनती साख को देखते हुए एडीए ने शास्त्रीपुरम, एडीए हाईट्स जैसी कई योजना और प्रोजेक्ट लॉन्च किए। अपने सिर पर छत के लिए लोगों ने भी जीवन भर की जमा पूंजी इन प्रोजेक्ट में निवेश कर दी। लेकिन, अब यहां रहने वाले मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। एडीए के प्रति लोगों का विश्वास डगमगाने लगा है। अपनी साख बचाने को एडीए अब करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाने को मजबूर हो रहा है।