RANCHI:सिटी में ऑनलाइन सेक्स रैकेट लगातार तेज होता जा रहा है, जो रांची पुलिस के लिए एक चुनौती का रूप ले चुका है। मामले में पुलिस के पास कई शिकायतें आयी हैं लेकिन छानबीन के बाद भी धंधेबाज पुलिस की पकड़ से बच निकल रहे हैं। रांची में इन दिनों वाट्सअप के माध्यम से सेक्स रैकट का संचालन किया जा रहा है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में सेक्स रैकेट से जुड़े मामलों के खुलासों के बाद भी पुलिस की जांच फिसड्डी ही रही है। पुलिस को कुछ फोन नम्बर्स और ईमेल आईडी मिले हैं जिनकी जांच अब ठंडे बस्ते में जा चुकी है। विदित हो कि नवंबर माह में पुलिस ने ऑनलाइन देह व्यापार का भंडाफोड़ कर तीन लड़कियों सहित पांच को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि सिटी में ऑनलाइन सेक्स रैकेट जोर-शोर से चल रहा है। इस कांड में सरगना सागर मंडल को भी गिरफ्तार किया गया था।

कैसे हुई थी गिरफ्तारी

पुलिस को सूचना मिली कि एक वेबसाइट के जरिए प्रचार के बाद वाट्सअप पर डीलिंग की जाती है। इसके बाद शहर के अलग-अलग होटलों की बुकिंग कर देह व्यापार का धंधा किया जा रहा है। लालपुर पुलिस ने डंगराटोली चौक के एक बड़े मॉल के सामने स्थित होटल में छापेमारी की जिसमें धंधेबाज पकड़ा गया। होटल के गेट पर तीन लड़कियां प्रदीप मंडल की वैगनआर कार में बैठी थीं, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

जांच में आया था काजल का नाम

पुलिस जांच के अनुसार सेक्स रैकेट को चलाने वाले इस गिरोह में काजल सिंह नाम की महिला का नाम आया था, जो कॉल गर्ल सप्लाई करती थी। वह कोलकाता से लड़कियां बुलवाती है। इन दिनों रांची व आसपास के ग्रामीण इलाकों की लड़कियों को भी धंधे में जोड़ चुकी है। कुछ कॉलेज की छात्राएं भी शामिल हैं। पुलिस पूछताछ में सागर मंडल ने भी पुलिस को बयान दिया था कि उसकी पार्टनर का नाम काजल सिंह है।

इस तरह होती है बुकिंग

गिरोह का एक आदमी ग्राहकों से डीलिंग के बाद उन्हें होटल उपलब्ध करवाता है। इसके लिए बुकिंग ऐप से होटलों की बुकिंग के बाद ग्राहकों के लिए कॉल गर्ल के साथ होटल भी उपलब्ध कराया जाता है। इस धंधे में राजधानी के कई पॉश इलाके के होटलों के इस्तेमाल की बात सामने आ रही है। रांची के कोकर चौक के समीप के होटल, करमटोली चौक, लालपुर चौक सहित अन्य जगहों के होटलों में पुलिस ने छापामारी भी की है।

वाट्सअप पर भेजी जाती है तस्वीर

सेक्स रैकेट माफिया अपने ग्राहकों और बुकिंग एजेंट्स को वाट्सअप पर कॉल गर्ल की तस्वीरें भेजते हैं। जिस नंबर से तस्वीरों को भेजा जाता है, उसी को इंटरनेट पर भी डाला जाता है। तस्वीर भेजने और ग्राहक की हरी झंडी मिलने के बाद ही आगे की जानकारी उन्हें दी जाती है।

ऑनलाइन मामलों के खुलासे में काफी परेशानी आती है, लेकिन साइबर टीम इसपर काम कर रही है। लोगों को भी थोड़ा जागरूक होना चाहिए और अपने आसपास रहने वाले संदिग्धों की जानकारी पुलिस को देनी चाहिए।

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची