- शून्य पौधरोपण पर ग्राम्य विकास आयुक्त की फटकार
- आयुक्त ने पौधारोपण को लेकर रिपोर्ट की तलब
- जून में शुरू होना था पौधरोपण, अब तक एक भी नहीं रोपा,
Meerut : पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकारी महकमों के अधिकारियों क बेरुखी वेस्ट यूपी की धरती को बंजर बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। शासन की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ की धरती पर अगस्त माह तक एक भी पौधा नहीं लगाया गया है। ताज्जुब की बात तो ये है कि जून माह में ही ढाई लाख पौधारोपण होना था। ग्राम्य विकास आयुक्त ने मेरठ समेत प्रदेश के क्7 जनपदों से तत्काल सफाई मांगा है। मेरठ में वनावरण सात फीसदी से भी कम रह गया है।
रिपोर्ट हुई तलब
जिलाधिकारी के अगुआई में जून माह में नौ विभागों को पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया था। इसमें वन विभाग को नोडल विभाग, जबकि सिंचाई एवं ग्राम्य विकास पर सर्वाधिक क्षेत्रफल में हरियाली रोपने की जिम्मेदारी थी। वन विभाग ने दर्जनभर नए वृक्षों की सूची भी तैयार की, जिन्हें भौगोलिक स्थितियों के मुताबिक रोपा जाना था। किंतु अगस्त माह तक एक भी पौध नहीं रोपी गई। हरियाली एवं पर्यावरण को लेकर प्रशासन की भयावह लापरवाही पर शासन ने रिपोर्ट तलब की है। इसमें जिलों का रकबा, वनावरण एवं सघन वन क्षेत्र का भी विवरण मांगा गया है।
हरियाली में गिरावट
पांच राज्यों में बंटी हस्तिनापुर वन्य जीव सेंचुरी का रिकोर्ड देखें तो हर साल हरियाली में गिरावट आ रही है। वन विभाग की सैकड़ों हेक्टेयर जमीनों पर कब्जा कर निर्माण कार्य किए जा चुके हैं। मेरठ में गत पांच वर्षो में दस लाख से ज्यादा पौधे रोपे गए, जो फाइलों में ही लहलहाते रह गए। विभागीय सर्वे के मुताबिक इनमें से 80 फीसदी पौधों का कुछ अता पता नहीं है।
नहीं हुआ डिजिटलाइजेशन
हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का डिजिटल मैप भी तैयार किया जा रहा। इसके लिए हैदराबाद स्थित रिमोट सेंसिंग एजेंसी को बजट भी दिया गया, किंतु वन विभाग अब तक मेरठ के वनाच्छादित क्षेत्रफल का डिजिटलाइजेशन नहीं किया जा सका। जून माह में बारिश शुरू होने के साथ मेरठ के ख्7ख् हेक्टेअर में क्.7म् लाख पौधों को रोपने की योजना थी, किंतु एक भी पौध नहीं रोपी गई। स्वयं वन विभाग ने भी हरियाली की दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया।
वेस्ट में सूखती हरियाली
जिला लक्ष्य (हेक्टेयर में ) उपलब्धि
मेरठ ख्7ख् 0
मुजफ्फरनगर ख्8फ् 0
गाजियाबाद क्00 0
अमरोहा क्भ्भ् 0
बागपत क्म्9 0
मुरादाबाद ख्ब्फ् 0
हाथरस क्79 0
वर्जन
पौधरोपण में देरी अवश्य हुई। शासन ने इस बावत नाराजगी भी जाहिर की है। सभी क्क् विभागों को पौधरोपण का लक्ष्य पूरा करने के लिए फिर से आगाह किया गया है।
- सुशांत शर्मा, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी