समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने सट्टेबाज़ी और स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में अंतिम फ़ैसला आने तक चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल के अगले सत्र से बाहर रखने का भी प्रस्ताव दिया.

कोर्ट के इस फ़ैसले पर क्रिकेट जगत और सोशल मीडिया में तीव्र प्रतिक्रिया हुई है.

पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और फिरकी गेंदबाज बिशन सिंह बेदी ने ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "किसी भी वाजिब कारण के बिना ही श्रीनी क्रिकेट को बदनाम कर रहे हैं. बीसीसीआई शर्मसार हुई है. भारतीय क्रिकेट को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया."

क्रिकेट खिलाड़ी अनिल कुंबले ने मीडिया से कहा, "यह पहली बार नहीं है, सबसे पहले 1999 में ऐसा मामला सामने आया था. खेल में वही हो रहा है जो समाज में हो रहा है. यह खेल है इसका यह मतलब नहीं है कि यह समाज से अलग होगा."

केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने मीडिया से कहा, "सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर कल बहस होगी. जब सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फ़ैसला आ जाएगा तब उस पर प्रतिक्रिया दी जाएगी."

क्रिकेट हुआ शर्मसार

बेदी ने कहा बीसीसीआई शर्मसार हुई है

इतिहासकार और क्रिकेट स्तंभकार रामचंद्र गुहा ने ट्वीट करके कहा, "उम्मीद के अनुरूप, शर्मनाक है कि बीसीसीआई श्रीनिवास के मनपसंद जाँचकर्ताओं से ही जाँच करवाना चाहती है."

कुंबले ने कहा, "अगर इसमें कुछ ग़लत है इसका स्पोर्ट करने का कोई सवाल ही नहीं है. वैसे भी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस पर ज़्यादा टिप्पणी करना ठीक नहीं है."

वहीं भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनिल गावस्कर ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा कि वो अदालत का आदेश मानेंगे.

अभिनेता और टीकाकार सुहैल सेठ ने ट्वीट करके कहा, "अगर धोनी इंडिया सिमेंट के कर्मचारी हैं, तो क्या उन्हें क्रिकेट खेलना चाहिए या फिर पोकर खेलना शुरू कर देना चाहिए."

कुंबले ने कहा, "हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह केवल एक व्यक्ति की बात नहीं है यह क्रिकेट बोर्डों की बात है. हम खेल को बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे."

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