कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। Sharad Navratri 2020 Day 1 Maa Shailaputri Live Aarti: नवरात्रि में नव देवियां अलग अलग दिनों में अपने विशेष गुणकारी प्रभाव के कारण भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाये रखती है। प्रत्येक देवी का एक गुणाकार महात्म होता है। प्रत्येक दिन की देवियों का स्वरूप और स्वभाव भी अलग-अलग है। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर त्रिलोकी नाथ के मुताबिक मानव जीवन विभिन्न स्वभाव एवं विचारों के आधार पर चलता है। भक्तगण यदि पूरी निष्ठा से देवियों की पूजा या साधना करते हैं तो ये देवियां अपना आशीर्वाद भक्तजन पर बनाये रखती है। सभी देवियां अपने विशेष गुणों को अपने आशीर्वाद के साथ प्रसाद रुप में भक्तजन को देती रहती है। इनमें से कुछ देवियां शांत स्वभाव की है कुछ उग्र स्वभाव की है कुछ मिली-जुली स्वभाव की है जो व्यक्ति जिस स्वभाव का है उसी के अनुसार इन नौ दुर्गा देवियों की विशेष पूजा करके उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। नाै देवियों में पहला रूप मां शैलपुत्री का है।
शैलपुत्रीः- वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रर्धकृतशेखराम्।
वृषारुढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
हिमालय की वादियों में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा है। मां की नौ दिनों की पूजा में पहले दिन इन्हीं की पूजा की जाती है। ये स्वाभिमान एवं दृढ़ता की प्रतिरुप मानी जाती है। मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ है देवी के दायें हाथ में त्रिशूल रहता है और बायें हाथ में कमल का पुष्प रहता है। एक पौराणिक कथानुसार यज्ञ में अपने पति का अपमान न सहन कर सकी थीं और योगानि द्वारा अपने को जलाकर भष्म कर लिया। इस बात से दुखी होकर भगवान शंकर ने उस यज्ञ का विध्वंश कर दिया। यही सती अगले जन्म में शैल राज हिमालय की पुत्री के रुप में जन्मी और शैलपुत्री कहलायी बाद में इनका विवाह शिव जी के साथ हुआ। मां शैलपुत्री की पूजा से स्वाभिमान एवं दृढ़ता में वृद्धि होती है।
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Sharad Navratri 2020 Live Aarti-Darshan: इस नवरात्रि दिव्‍य शक्तिपीठों से करें मां दुर्गा के लाइव दर्शन व आरती

Shardiya Navratri 2020 Day 1: देवी शैलपुत्री की पूजा से स्वाभिमान एवं दृढ़ता में होती है वृद्धि, ऐसे करें मां की आरती