कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Shardiya Navratri 2021: शारदीय नवरात्रि का नाै दिवसीय उत्सव आश्विन महीने के पहले दिन (प्रतिपदा) को शुरू होता है। मां दुर्गा के आगमन के साथ ही शुभ देवी पक्ष शुरू हो जाता है और देवी मां के भक्त उपवास, पूजा के साथ स्त्री शक्ति के नौ रूपों का जश्न मनाने लगते हैं। दिलचस्प बात यह है कि त्योहार का एक पहलू यह है कि हर दिन के साथ अलग-अलग रंग जुड़े होते हैं। इसलिए, लोग नवरात्रि उत्सव का अधिक आनंद व लाभ उठाने के लिए प्रत्येक दिन एक विशेष रंग का प्रयोग करते है। हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनकर देवी दुर्गा की उपासना करते हैं। मान्यता है कि इससे देवी के हर रूप से विशेष कृपा प्राप्त होती है।

7 अक्टूबर-प्रतिपदा (पीला रंग)
नवरात्रि के पहले दिन भक्त कलश की स्थापना करते हैं। इस अनुष्ठान को कलश स्थापना या घटस्थापना के रूप में जाना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। पीला रंग खुशी और उल्लास का प्रतीक है

8 अक्टूबर-द्वितीया (हरा रंग)
नवरात्रि के दूसरे दिन (द्वितीया) को देवी मां के अविवाहित रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। हरा रंग प्रकृति मां के विभिन्न पहलुओं और उसके पौष्टिक गुणों को दर्शाता है।


9 अक्टूबर-तृतीया और चतुर्थी (स्लेटी रंग)
नवरात्रि के तीसरे दिन (तृतीया) मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है और चौथे दिन (चतुर्थी) मां दुर्गा के कुष्मांडा रूप की पूजा की जाती है। स्लेटी यानी की गे्र कलर बुराई के विनाश की गुणवत्ता को दर्शाता है।

10 अक्टूबर-पंचमी (नारंगी रंग)
शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन (पंचमी) पर, भक्त भगवान कार्तिकेय की मां स्कंद माता की पूजा करते हैं। नारंगी रंग शांति, चमक और ज्ञान का प्रतीक है।

11 अक्टूबर-षष्ठी (सफेद रंग)
नवरात्रि के छठे दिन (षष्ठी) को भक्त देवी कात्यायनी की उपासना करते हैं। सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है।

12 अक्टूबर- सप्तमी (लाल रंग)
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन (सप्तमी) को दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है। लाल रंग जुनून, शुभता और क्रोध (बुराई को जड़ से उखाड़ने के लिए आवश्यक) का प्रतीक है।

13 अक्टूबर-अष्टमी (नीला रंग)
नवरात्रि के आठवें दिन (अष्टमी) को महागौरी की पूजा की जाती है। गहरा नीला रंग दिव्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।

14 अक्टूबर-नवमी (गुलाबी रंग)
शारदीय नवरात्रि के नाैवें दिन (नवमी) को, देवी दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाती है। गुलाबी रंग पवित्रता और करुणा का प्रतिनिधित्व करता है।

15 अक्टूबर-दशमी (बैंगनी रंग)
नवरात्रि और दुर्गा पूजा उत्सव दशहरा (दशमी) वाले दिन समाप्त होगा। बैंगनी रंग महत्वाकांक्षा, लक्ष्य और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।

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