डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Shardiya Navratri 2021 Day 2 Maa Brahmacharini Bhog And Aarti : नवरात्रि के दिनों में ऐसी मान्यता है सभी देवियां धरती पर आती है। हर दिन देवी के अलग-अलग रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, मां चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, माता कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ये देवियां अपना आशीर्वाद भक्तजन पर बनाये रखती हैं। इस तरह से देवी दुर्गा के नाै रूपों में नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है- तप के समान आचरण करने वाली ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली इस देवी के स्वरुप के बारे में बताया गया है। इस दिन देवी मां को शक्कर का भोग लगाएं। इसके बाद उसे प्रसाद स्वरूप वितरित करें।


ब्रह्मचारिणीः- दघाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

मां दुर्गा की नौ शक्तियों में दूसरी शक्ति स्वरुपा ब्रह्मचारिणी हैं। देवी ब्रह्मचारिणी के दायें हाथ में जप की माला है एवं बायें हाथ में कमंडल सुशोभित होती है। भगवान शिव को पति के रुप में प्राप्त करने के लिए इन्होंने घोर तपस्या की थी। कठिन तपस्या के कारण ही इन्हें तपसचारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है। कठिन तपस्या के कारण इस देवी का शरीर कृषकाय हो गया था। देवता ऋषि सिद्धगण मुनि सभी ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व शुभ फल देने एवं कार्यों को पूर्ण कराने वाली देवी बताया गया है। इनके बारे में यह भी कहा जाता है कि आजतक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की। यही कारण है कि देवी की संपूर्ण मनोकामना पूर्ण हुई और भगवान चन्द्रमौली शिव जी आराध्य देव के साथ इन्हें पति रुप में प्राप्त हुए। इस देवी की पूजा से कठिन से कठिन कार्यों की पूर्ति होती है।

ब्रह्माचारिणी देवी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

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