पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दशमी के दिन दशहरा मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर 2022 से शुरू हो रहे हैं और इस साल यह 5 अक्टूबर को समाप्त होंगे। राशि अनुसार पूजा की बात करें तो मेष राशि वालों को मां शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए वहीं वृष वाले मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करें।

अपनी राशि अनुसार कीजिए माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना-

1.मेष:- मेष राशि के जातक नवदुर्गा क्रम में शैलपुत्री की उपासना करें एवं प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।
2.वृष:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में ब्रह्मचारिणी की उपासना करें तथा प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।
3.मिथुन:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में चन्द्रघंटा की उपासना करें तथा प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।
4.कर्क:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्दिदात्री की उपासना करें एवं प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।
5.सिंह:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में कालरात्रि की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।
6.कन्या:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में चन्द्रघंटा की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।
7.तुला:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में ब्रह्मचारिणी की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।
8.वृश्चिक:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में शैलपुत्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।
9.धनु:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्धदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।
10.मकर:- यह जातक सिद्धदात्री की उपासना के साथ काली की उपासना करना भी अति लाभदायक रहेगा।यह जातक प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।
11.कुम्भ:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्धदात्री एवं काली की उपासना करें एवं नवमीं तिथि का व्रत करें।
12.मीन:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्धदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत करें।