डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Shardiya Navratri 2022 : नवरात्रि में नाै दिन तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। मां देवी के विभिन्न स्वरापों का अपना एक अलग महात्म है। सृष्टि के प्रारम्भ में चर जगत एवं ब्रहामांड के संतुलन में आदि स्वरूपा विभिन्न देवियों को वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाये तो ये देवियां ऊर्जा की स्रोत है। आज हम जब परमाणु ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा या ब्लैक एनर्जी की बात करते है तो हमें कहीं न कहीं से असीमित व साकारात्मक उर्जा का स्रोत का आभास पुराकाल से इन देवियों के स्वभावानुसार स्वरूप में मिलता है। हम जब दुर्गा मां की बात करते है तो हमें इतनी अधिक उर्जा का अहसास होता है मां हमें परमाणु के समान शक्तिशाली दिखाई देती है।हम जब ब्लैक एनर्जी की बात करते है तो मां काली के स्वरूप का आभास होता है।

मां काली से जुड़ी पौराणिक कथा
मां काली की रात में अखण्ड पूजा करने वाले तांत्रिक मां की शक्ति का अंश प्राप्त करने में सफल होते है। मान्यता है कि उनके शरीर में ब्लैक एनर्जी का अंश आ जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जब पृथ्वी पर पाप बढ़ गया था तो मां काली सबका संहार करने लगी। सभी देवताओं के अनुरोध करने पर भी मां का प्रकोप रुक न पाया तब शिव जी मां के सामने ही लेट गये। मां अपनी ही धुन में संहार करते हुए आगे बढ़ती जा रही थी जब उनके पैर के शिव जी के उपर पड़े तब मां का प्रकोप रुक पाया नहीं तो मां संपर्ण सृष्टि का विनाश कर देती।