PATNA : देश को टुकड़ों में बांट देने जैसा विवादित भाषण देने के बाद छिपते फिर रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को पुलिस ने आखिरकार दबोच लिया है। शरजील को शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसके पैतृक गांव जहानाबाद जिले के काको से मंगलवार को दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उस कार को भी जब्त कर लिया है जिसपर सवार होकर वह कहीं भागने वाला था। यहां वह अपने रिश्तेदार के यहां हुलिया बदलकर छिपा हुआ था। उसकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस द्वारा जहानाबाद जिला पुलिस के सहयोग से की गई है। इससे पहले सोमवार को उसके भाई को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। शरजील के खिलाफ पांच राज्यों में केस दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए शनिवार की रात से ही दिल्ली पुलिस यहां कैंप किए हुए थी। रविवार को अहले सुबह भी उसके द्वारा शरजील के दो रिश्तेदारों के साथ ही एक कार चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया था। तबसे अब तक दिल्ली पुलिस यहां रूकी हुई थी। देर शाम पुलिस ने उसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पेश कर ट्रांजिट रिमांड हासिल की। कोर्ट में उसका मेडिकल कराया गया जिसके बाद उसे पुलिस दिल्ली के लिए लेकर रवाना हो गई। असम को भारत से अलग करने के भड़काऊ बयान के बाद शरजील चर्चा में आया था।

चुनाव लड़े थे शरजील के महरूम पिता

शरजील का परिवार मूल रूप से जहानाबाद जिले के काको का रहने वाला है। शरजील के पिता अकबर इमाम 2005 में जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े थे। हालांकि, वह हार गए थे। कुछ साल पहले उनका निधन भी हो गया। छोटा भाई मुजम्मिल इमाम एक राजनीतिक दल से जुड़ा है। शरजील की प्रारंभिक शिक्षा पटना के निजी विद्यालय में हुई है। इसके बाद उसने आइआइटी, मुंबई से पढ़ाई की। पास होने के बाद निजी कंपनी में नौकरी की। अभी वह जेएनयू से 'मुसलमानों की वर्तमान स्थिति और दंगा' विषय पर पीएचडी कर रहा है। रिसर्च के दौरान उसने कई मुस्लिम गांवों का भ्रमण भी किया था।

हुलिया बदलकर भागने की फिराक में था

दिल्ली पुलिस की टीम ने जब शरजील को गिरफ्तार किया तब उसका हुलिया बदला हुआ था। उसने सिर और दाढी के बाल कटवा लिये थे और शॉल से अपना चेहरा छिपा रखा था। लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने उसके सारे संभावित हुलिये की तस्वीर पहले से ही बनवा कर अपने पास रखा था। इसलिए जब घर में छापेमारी हुई तो शरजील पहली ही नजर में पहचान में आ गया। शरजील पुलिस को चकमा देकर भागने के फिराक में था। महज 10 दिनों के भीतर शरजील का पूरा लुक चेंज हो गया था।

छोटे भाई ने दिया क्लू

शरजील की गिरफ्तारी के लिए सोमवार से ही उसके परिवार पर पुलिस दबाव बना रही थी। मंगलवार की सुबह उसके छोटे भाई मुजम्मिल इमाम तथा पड़ोस के एक युवक इमरान को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ के आधार पर क्लू मिलने से उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी। सोमवार को पुलिस की घर में दबिश के बाद शरजील के चाचा अरशद इमाम ने एसपी को बताया था कि वह जैसे ही घर आएगा उसे वह खुद पुलिस के हवाले कर देंगे। लेकिन पुलिस को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। वह शरजील के घर और परिवार वालों पर नजर रखे हुई थी। जहानाबाद के अलावा उसकी तलाश में पटना के कई इलाकों में भी छापेमारी हुई। लेकिन शरजील का कुछ अता-पता नहीं चला था। पटना पुलिस के वरीय अधिकारी के मुताबिक, शरजील को फुलवारीशरीफ के हारून नगर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच 10 सेकेंड के लिए देखा गया था। उसका वीडियो फुटेज खुफिया विभाग को मिला है। सब्जीबाग के प्रदर्शन में भी उसके शामिल होने की सूचना मिली थी, लेकिन उसका प्रमाण नहीं मिला। छानबीन के दौरान मालूम हुआ कि सब्जीबाग के अबु फकरूद्दीन प्लाजा में शरजील के पिता के नाम से एक फ्लैट है। सादे लिबास में पुलिस टीम उसके फ्लैट पर गई पर पता चला कि यहां किराएदार रहता है।

क्या है मामला

शरजील इमाम का अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के भाषण का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह कह रहा है कि अगर लोग संगठित हो जाएं तो हम भारत से असम को अलग कर सकते हैं। हमेशा के लिए नहीं तो एक-दो महीने के लिए तो असम को भारत से काट ही सकते हैं। वह अपील कर रहा है कि रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि हटाने में एक महीना लगे। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है। वीडियो वायरल होने के बाद उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। भड़काऊ भाषण देने के मामले में उसके खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है।