लंदन (पीटीआई)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच रवि शास्त्री ने कहा कि आजकल टी20 द्विपक्षीय श्रंखला काफी बढ़ गई है। इसके कारण खिलाडियों पर बोझ बढ़ गया है। आईसीसी के अगले फ्यूचर्स टूर्स एंड प्रोग्राम्स (एफटीपी) के मसौदे के अनुसार टी20 मैचों में भारी वृद्धि होना तय है और इस दौरान आईपीएल के भी ढाई महीने तय है। मैचों की बढ़ती संख्या के साथ, बहु-प्रारूप वाले खिलाड़ी भार महसूस कर रहे हैं। इंग्लैंड के प्रमुख ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने सोमवार को वनडे से संन्यास की घोषणा करके सभी को चौंका दिया। 31 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि तीन प्रारूपों को खेलना उनके लिए मुश्किल हो गया था।

द्विपक्षीय मैच कम हो, फ्रैंचाइजी क्रिकेट को मिले मौका

इस महीने की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी एकदिवसीय श्रृंखला से हटने का फैसला किया था ताकि उनके खिलाड़ी अपनी नई घरेलू टी 20 प्रतियोगिता के लिए उपलब्ध रहें। शास्त्री ने कहा कि मैं द्विपक्षीय सीरीज को कम करने के लिए कह रहा खासकर टी 20 सीरीजों को। इसकी जगह बहुत सारे फ्रेंचाइजी क्रिकेट को प्रोत्साहित किया जा सकता है, चाहे वह किसी भी देश में हो भारत, वेस्टइंडीज या पाकिस्तान। शास्त्री ने आगे कहा कि जब आप कम द्विपक्षीय मैच खेलते हैं और फिर आप विश्व कप के लिए एकजुट होते हैं। इसलिए आईसीसी विश्व कप आयोजनों पर जोर देना सर्वोपरि हो जाता है। तब लोग उनके लिए तत्पर रहते हैं।

10 साल में खत्म हो जाएगा टेस्ट क्रिकेट

शास्त्री ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप टेस्ट क्रिकेट को विलुप्त होने से बचाने के लिए दो स्तरीय टेस्ट की स्थापना का भी सुझाव दिया। शास्त्री ने कहा कि मुझे लगता है कि दो स्तरों की जरूरत है, अन्यथा टेस्ट क्रिकेट 10 साल के समय में खत्म हो जाएगा। शास्त्री ने आगे कहा कि आपको शीर्ष पर छह टीमों की आवश्यकता होती है, और फिर दूसरी छह टीमों की आवश्यकता होती है। ऐसे में आप वे शीर्ष छह को एक-दूसरे के खिलाफ अधिक बार खिला सकते है क्योंकि आपने द्विपक्षीय टी 20 क्रिकेट को कम कर दिया है और सिर्फ फ्रैंचाइजी क्रिकेट खिला रहे हैं। यही एक तरीका है जिस तरह से खेल के सभी प्रारूप जीवित रह सकते हैं।

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