Case-1

निर्मला आरोरा ने लगभग दो साल पहले बीडीए कॉलोनी में सुधा सक्सेना से मकान खरीदा था। मकान में सुधा सक्सेना के ही नाम से एक किलोवॉट का कनेक्शन लगा है जिसका कनेक्शन नंबर 048731 और बुक संख्या 6216 है। इस कनेक्शन पर विभाग द्वारा जुलाई-अगस्त महीने के 655 यूनिट बिजली का 11,669 रुपए बिल 28 अगस्त को भेजा गया। इसके अगले ही दिन यानि 29 अगस्त को विभाग ने जुलाई-अगस्त महीने का ही 11878 यूनिट का बिल थमा दिया जिसके अनुसार उन्हें 55,321 रुपए का बिल अदा करना है।

Case-2

सिटी के आशुतोष सिटी कॉलोनी की रहने वाली तारा रानी का कनेक्शन नंबर 159585 और बुक संख्या 3425 है। तारा की भी कहानी निर्मला अरोरा से कुछ ज्यादा डिफरेंट नहीं। तारा रानी के यहां हर महीने औसतन 400-500 यूनिट बिजली की खपत होती है। लेकिन विभाग ने तारा रानी को 13 अगस्त से 13 अक्टूबर 2012, दो महीने में 72,156 यूनिट बिजली का बिल थमा दिया बिल के अनुसार उन्हें 2,93,457 रुपए बिल के भरने हैं।

एक महीने में दो बिल नहीं

नियम के मुताबिक हाइडिल डिपार्टमेंट कंज्यूमर्स को एक महीने में दो बिजली बिल नहीं भेज सकता। अगर ऐसा होता है तो इसके लिए विभाग के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके बावजूद नियम का दरकिनार करते हुए विभाग के कर्मचारियों द्वारा एक दिन के अंतराल पर ही बीडीए कॉलोनी की निर्मला अरोरा के घर बिजली के

दो बिल भेज दिए गए.

बरेली अर्बन में हाइडिल के 1,65,470 कंज्यूमर्स है। विभाग ने मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को सौंप रखी है  जिनके द्वारा कंज्यूमर्स के घर-घर जाकर मीटर की रीडिंग की जाती है। लेकिन कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से यह ज्यादातर गलत ही होती है जिसकी वजह से लोगों को गलत बिल मिलते हैं। रीडिंग सही कराने के लिए हर रोज सैकड़ों कंज्यूमर्स इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के चक्कर लगाते है।

Consumer forum में शिकायत

इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा गलत बिल भेजे जाने और बाद भाग-दौड़ करने के बाद भी बिल ठीक न होने की कंडीशन में लोगों के पास कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाना ही आखिरी विकल्प बच रहा है। रामपुर गार्डन में इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से संबंधित  समस्याओं के लिए अलग से कंज्यूमर फोरम भी बनाया गया है। जहां कंज्यूमर्स द्वारा रोजाना दो से तीन मामले दर्ज कराए जा रहे हैं।

गलत बिल भेजे जाने का मामला मेरे संज्ञान में कुछ समय पहले ही आया है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों को लगता है कि रीडिंग गलत हुई है या कर्मचारियों द्वारा मिसबिहेव किया जा रहा है वह इसकी शिकायत मुझसे कर सकते हैं।

-पीके गुप्ता, चीफ इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट