- कीचड़ से निकलकर बच्चों को जाना पड़ता है स्कूल

- एक किमी का सफर होता है आधे घंटे में तय

- कालोनी में पानी की कोई व्यवस्था नहीं, हर बार आ जाता है वाटर टैक्स

-बिजली की लाइन से महरूम है कालोनी

-कई बार शिकायत के बाद भी अफसर सोए कुंभकर्णी नींद

Meerut: अफसरों की लापरवाही न्यू इस्लामनगर कालोनी के लोगों पर भारी पड़ रही है। कालोनी के रास्ते कीचड़ व पानी से लबालब भरे पड़े हैं। बच्चों को पानी से निकलकर स्कूल जाना पड़ता है। साथ ही रास्तों में एक-एक फिट गहरे गड्ढ़े हैं, जिसके चलते एक किमी का सफर तय करने में आधे घंटे का समय लग जाता है। इसके अलावा कालोनी में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। घर की महिलाओं को पानी से निकलकर सरकारी नलों से पानी भरकर लाना पड़ता है। जबकि नगर निगम हर बार वाटर टैक्स भेज देता है। आरोप है कि जब कालोनी में वाटर लाइन ही नहीं है तो पानी का बिल किस लिए। दिलचस्प बात ये है कि अभी तक कालोनी में बिजली की स्थाई व्यवस्था नहीं है। काफी दूर से केबिल डालकर लोगों को बिजली की जरूरत पूरी करनी पड़ रही है। बाशिंदों ने कई बार संबंधित पार्षद को समस्याओं से अवगत कराया। लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया। कालोनी की समस्याओं को लेकर पेश आईनेक्स्ट की खास रिपोर्ट

सड़कें बनी तालाब

हापुड़ रोड स्थित न्यू इस्लामनगर 20 हजार की आबादी की कालोनी है। लेकिन घरों के आगे सड़क नहीं तालाब हैं। कालोनी की सड़कें पूरी तरह पानी में डूबी पड़ी हैं। कालोनी वासियों को पानी के अंदर से निकलकर काम चलाना पड़ता है। कई बार स्कूली बच्चे पानी में गिर जाते हैं। कालोनी की सड़कों में एक-एक फिट गहरे गड्ढे हैं। जिसके चलते कालोनी के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।

फैल रही बीमारियां

सड़कों पर भरे पानी में मच्छर पनप रहे हैं। जिसके चलते बाशिंदों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां पनप रही हैं। हैजा, टायफाइड़, मलेरिया जैसी बीमारियां घरों के बहार भरे पानी से जन्म ले रही हैं, लेकिन शिकायत के बावजूद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

गली बनी डंपिंग ग्राउंड

कालोनी की गली नंबर दो डंपिंग ग्राउंड बनी हुई है। कालोनी के ज्यादातर लोग सालों से उसी गली में कूड़ा डालते आ रहे हैं। लेकिन उसे उठाने वाला कोई नहीं आता। आरोप है कि उन्हें पिछले तीन माह से भी कूड़ा उठाने वाले या सफाई कर्मचारी के दर्शन नहीं हुए हैं। इसके चलते पूरी गली डंपिंग ग्राउंड बन गई है।

पानी के लिए दूर जाना पड़ता है

समर गार्डन स्थित कालोनी के लोगों को आज भी पानी मयस्सर नहीं है।

पूरे न्यू इस्लाम नगर की गली नंबर दो, तीन, चार में आज भी वाटर पाइप लाइन नहीं बिछाई गई हैं। घरों की महिलाओं को आधा किमी दूर से पानी के अंदर से निकलकर सरकारी नलों से पानी लाना पड़ रहा है। जबकि हर बार वाटर टैक्स कालोनी के लोगों से वसूला जा रहा है।

बिजली से भी महरूम कालोनी

न्यू इस्लामनगर कालोनी की गली नंबर दो में करीब 70 घर हैं। जिन्हें बिजली के लिए भी कटिया डालने को मजबूर होना पड़ रहा है। कालोनी के लोगों का आरोप है कि निगम पार्षद कस्मूदीन खंबों पर नए तार खींचवाने की बात कहकर पुराने तारों को उतरवा ले गए, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद आज तक खंबों पर तारों की व्यवस्था नहीं हो पाई।

जब चलने की लिए सड़क ही नहीं है तो किस बात का शहर। सड़कें तालाब बनी हुई हैं। जिसके चलते किसी भी स्कूल का वाहन गली के अंदर नहीं घुसता। बच्चों को स्वयं पानी से निकलकर बाहर जाना पड़ता है।

मौ, शकील

भैया एक दम नरक में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कालोनी से पानी की कहीं निकासी की व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते पूरे रास्तों पर पानी भरा रहता है। कहीं जाने के लिए एक घंटा पहले निकलना पड़ता है। उसमें भी पता नहीं कहां गिर जाएं।

मौ, तोसीफ

कालोनी में कहीं भी वाटर लाइन नहीं बिछाई गई है। ऐसे में पीने के पानी का संकट गहरा गया है। दिन में तो जैसे-तैसे पानी भर कर ले आते हैं। लेकिन अंधेरे के चलते कीचड़ वाले रास्ते से पानी लाने में बड़ी मुश्किल होती है।

आस मौहम्मद

बिल तो हर बार भेज दिया जाता है। लेकिन वाटर लाइन का कोई नाम नहीं लेता। एसे में नलों का दूषीत पानी पीने को ही मजबूर होना पड़ रहा है।

बजरूद्दीन

बिजली के कटिया डालकर काम चलाना पड़ता है। बिजली के खंबों पर तार जर्जर हो गए हैं। जिनमें बिजली आने से पहले फाल्ट हो जाता है। कई बार शिकायत की । लेकिन कोई समाधान नहीं होता।

रियाजूद्दीन

अभी न्यू इस्लामनगर नई कालोनी है। जिसके चलते धीरे-धीरे विकास कराया जा रहा है। वाटर लाइन के लिए लिखकर दिया गया है। साथ ही सड़कों के लिए जितना पैसा मिलता है काम कराया ही जाता है।

कस्मूद्दीन, निगम पार्षद वार्ड नंबर 75