AGRA: अपने जीवन के 15 वर्ष से अधिक हमने प्राथमिक स्कूलों को दिए हैं, अब उम्र भी काफी हो चुकी है। इस उम्र में नई नौकरी भी नहीं मिलेगी। यदि हमें हमारी नौकरी नहीं मिली, तो हमें इच्छामृत्यु की अनुमति प्रदान की जाए। शिक्षामित्रों ने इस संदेश के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम तीन हजार पोस्टकार्ड लिखे।

दर्द किया बयां

डायट में धरने पर बैठे शिक्षामित्रों ने पोस्टकार्ड में लिखकर प्रधानमंत्री को अपना दर्द बयां किया। शिक्षामित्रों ने एक बाद सभी ने लिखी, कि यदि नौकरी उन्हें नहीं दिलाई जाती है, तो उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति तो प्रदान कर ही दिया जाए। इस अवसर पर शिक्षामित्र संघ के नेताओं ने आह्वान किया कि आप तो यह पोस्टकार्ड लिख ही रहे हैं, इसके साथ ही अपने परिजनों और रिश्तेदारों को भी कहें, कि उनके समर्थन में पीएम को पोस्टकार्ड लिखें।

हक की लड़ाई रहेगी जारी

शिक्षामित्रों ने कहा कि यह हमारे हक की लड़ाई है, जो जारी रहेगी। हम तब तक सांस नहीं लेंगे, जब तक नौकरी वापस नहीं मिलती है। हमने उन स्कूलों को खड़ा कर दिया, जिन स्कूलों के कभी ताले भी नहीं खुलते थे। जब प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा दम तोड़ रही थी, तब शिक्षामित्र सहारा बनकर उभरे। बंद स्कूलों के ताले खोले, वहां पर खुद ही साफ सफाई की और घर घर जाकर बच्चों को सरकार के सर्वशिक्षा अभियान से जोड़ने का काम किया।

लाउडस्पीकर से बुलंद की आवाज

शिक्षामित्रों ने हक न मिल जाने तक लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है, जिसके चलते इनके द्वारा डायट में पूरी तरह डेरा डाल दिया गया है। गुरुवार को लाउडस्पीकर के माध्यम से शिक्षामित्रों ने अपनी बात सरकार के कानों तक पहुंचाने का प्रयास किया। इसके साथ ही वहां पर शिक्षामित्रों के बैठने के लिए फर्श की भी व्यवस्था की गई है।

जारी रहेगा प्रदर्शन

शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह छोंकर ने बताया कि प्रदर्शन जारी रहेगा। शुक्रवार को भी सुबह 10 बजे शिक्षामित्र डायट में एकत्र हो जाएंगे। यहां पर प्रदर्शन शांति ढंग से जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षक संघ के अलावा कई संघों ने हमें समर्थन दे दिया है। अब बस इंतजार है कि कैसे ही शिक्षामित्रों के मन की बात पीएम तक पहुंचे।

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स्कूलों में तालाबंदी नहीं करेंगे शिक्षामित्र

आगरा। पिछले चार दिनों से स्कूलों में तालाबंदी करने वाले शिक्षामित्र संघ ने गुरुवार को डायट में आयोजित बैठक में अहम फैसला लिया है। उन्होंने ऐलान किया कि शिक्षामित्र किसी भी स्कूल में तालाबंदी नहीं करेंगे, सिर्फ शिक्षामित्र कार्य का बहिष्कार करेंगे। एक स्वर में शिक्षामित्रों ने कहा कि हम अपनी लड़ाई में मासूम बच्चों की पढ़ाई का किसी प्रकार नुकसान नहीं होने देंगे। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छोंकर ने बताया कि हमने कड़ी मेहनत के बाद बच्चों को स्कूलों से जोड़ा है, अब हम यह भी नहीं चाहते, कि ये बच्चे हमारी वजह से स्कूल जाना बंद कर दें।