गंगा आरती के बाद हाथ उठाकर किया हर हर महादेव का उद्घोष

माथे पर त्रिपुंड लगाए बनारसवासियों की तरह पूजा में रहे तन-मन से शामिल

VARANASI

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान जापान के पीएम शिंजो अबे और नरेन्द्र मोदी का अंदाज बिल्कुल बनारसी था। माथे पर चंदन का त्रिपुंड लगाए बिल्कुल भोले नाथ के भक्त लग रहे थे। गंगा पूजन और आरती के दौरान स्वनिर्मित अनुशासन और आत्ममुग्धता ने कहीं भी इस बात का एहसास नहीं कराया कि दोनों ही बनारस के लिए नए हैं। बनारस दोनों ही नेताओं के हाव भाव में रचा और रमा दिखा।

देवभूमि में होने का रहा एहसास

गंगा आरती के दौरान नरेन्द्र मोदी और शिंजो अबे ने हर क्षण को आत्मा से महसूस किया। उनके चेहरे के भाव हर पल बदलते रहे। उन्हें देखकर लगता जैसे दोनों को देवभूमि में होने का एहसास हो रहो हो। मोक्षदायनी गंगा को पूजने का सुअवसर बड़े भाग्य से मिला हो। देवपूजन के लिए शुभ माने जाने वाले लाल रंग की छटा से नहाया घाट, हर ओर से उठती रंजनीगंधा और बेला की महक ऐसा एहसास करा रहीं थी जैसे जाह्वनी के तट को निहारने वाले देव भी आज स्वर्ग से उतरकर गंगा को नमन करने आ पहुंचें हों। शिंजों को भले ही श्लोक और आरती की क्रिया न समझ आयी हो लेकिन उनके भावों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। पीएम शिंजों के हाव भाव ने इस बात का एहसास कराया कि वह भले ही वह दुनिया को यांत्रिक शक्ति से चलाने का साम‌र्थ्य रखते हैं पर उनके मन में अध्यात्म, परंपरा और धर्म के भाव अनंत गहराइयों तक छिपे हुए हैं।

किया महादेव का उद्घोष

आरती अपने क्रम में आगे बढ़ती रही। धूप, दीपक के बाद कर्पूर से आरती होनी आरंभ हुई तो पीएमद्वय अपने आसन से उठ खड़े हुए और अंत तक नहीं बैठे। उनके ताली बजाने की प्रक्रिया श्लोक के साथ तेज और धीमी होती रही। मां गंगा को चंवर डोलाने के बाद ख्भ् मिनट चली आरती का समापन हुआ। अंत में हर हर महादेव के उद्घोष से पूरा घाट गूंज उठा। मोदी के साथ शिंजो अबे ने बनारसी अंदाज में हाथ उठाकर महादेव को नमन किया। खासतौर पर शिंजो अबे को देखकर एहसास नहीं हो रहा था कि वह बनारस की परम्परा से अनजान हों।

बदल दिया पोशाक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ब्.ख्ख् बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। लगभग तीन मिनट बाद दोनों प्रधानमंत्री एक साथ जहाज से उतरे तो पीएम नरेंद्र मोदी ने सफेद कुर्ता पैजामा के साथ क्रीम कलर की सदरी पहन रखी थी। वहीं शिंजो अबे विदेशी परिधान नीले रंग के सूट-बूट में थे। दोनों प्रधानमंत्री होटल ताज के लिए रवाना हो गए। वहां से शाम साढ़े पांच बजे उनका काफिला गंगा आरती में शामिल होने के लिए दशाश्वमेध घाट पहुंचा। जहां जापानी प्रधानमंत्री पूरी तरह से भारतीय संस्कृति में रमे नजर आए। उन्होंने सूट-बूट के बजाए ब्लैक कलर की शर्ट-पैंट के साथ गोल्डेन रंग की सदरी पहन रखी थी।

सेल्फी में समेटा खास पल

गंगा आरती के दौरान शिंजो अबे सेल्फी लेना नहीं भूले। उन्होंने अपने पास मौजूद मोबाइल से मोदी संग अपनी तस्वीर उतारी। इस वक्त उनका अंदाज सैलानी जैसा रहा। सेल्फी लेने के लिए देर तक वह मोबाइल के एंगल सेट करते रहे जैसे उनकी कोशिश हो कि घाट के विहंगम दृश्य के हर खास पहलू को इस सेल्फी में समेट लें।

जुटा समूचा भारत

गंगा आरती के दौरान देश के विभिन्न प्रांतों के लोगों को उनके पारम्परिक वेशभूषा में आमंत्रित किया गया था। जैसे पीएम मोदी शिजों को देश की विविधता को एहसास कराना चाहते हों। दशाश्वमेध घाट पर एक ओर पंजाब, बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दक्षिण भारत समेत लोग पूरी सजधज के साथ मौजूद रहे। इसके साथ ही भारत में प्रेम और सद्भाव के साथ रह रहे सभी धर्मो का प्रतिनिधित्व करते लोग भी मौजूद रहे। मोदी ने शिंजों का ध्यान इनकी ओर आकृष्ट कराया।

धरती पर स्वर्ग का नजारा

पीएमद्वय के आगमन के मद्देनजर दशाश्वमेध घाट पर सजावट ऐसी रही जैसे स्वर्ग की परिकल्पना को वास्तविकता का रूप दिया गया हो। घाटों की सीढि़यों पर रेड कार्पेट बिछाया गया था। हर इमारत और रेलिंग पर गेंदे के लाल-पीले फूल दमक रहे थे। पूजा स्थल के करीब फूलों की आकर्षक रंगोली मनमोह रही थी। वहीं गंगा की लहरों के नजदीक हजारों दीप टिमटिमा रहे थे। घाट पर लाइट का इफेक्ट ऐसा दिया गया था जैसे कि लालिमा लिए सूरज की पहली किरण मेहमानों का स्वागत करने आयी है।