सत्ता के लोभ में बहक गयी बीजेपी
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में बीजेपी पर सत्ता प्रेम में संयम खोने का आरोप लगाते हुये कहा है कि हमारे बीजेपी के मित्र या तो दुविधा में हैं या फिर सत्ता के अतिलोभ में बहक चुके हैं. इसलिये उनकी ओर से बयानबाजी हो रही है. अब बीजेपी के नेता हमसे जरूर यह बात पूछेंगे कि शिवसेना किससे लड़ रही है, शिवसेना का असली शत्रु कौन है, कांग्रेस और राकांपा मरे हुये सांप हैं. उन सांपों से कोई खतरा नहीं है और हम स्पष्ट कर रहे हैं. इसलिये हमारे एक समय के दोस्त (बीजेपी) का ढ़ोंग जनता के सामने लाना महाराष्ट्र के हित के लिये हम अपना कर्तव्य मानते हैं.

शिवसेना को पराजित करना बीजेपी का उद्देश्य
शिवसेना ने कहा कि पूर्व सहयोगी का एकमात्र उद्देश्य उन्हें पराजित करना है, जिसके तहत उसने शिवसेना के साथ 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ा. बीजेपी पर जाति और क्षेत्रवाद पर आधारित राजनीति करने का आरोप लगाते हुये शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि चुनाव प्रचार में तोप के नाम पर जो पिचकारी उड़ रही है, उसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. अब महाराष्ट्र में सम्पूर्ण गुजरात को उतारकर गुजराती भाइयों को बहकाने का प्रयोग शुरू है.

मैदान में उतरी पूरी फौज
सामना में कहा गया है कि सभी राज्यों के बीजेपी सांसद और मंत्रियों को बीजेपी ने विशेष तौर पर मैदान में उतारा है. स्वंय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की फौज लेकर और उन्हें महाराष्ट्र में उतारकर शिवसेना को पराजित करने का बीड़ा उठाया है. शिवसेना ने कहा कि बीजेपी का महाराष्ट्र की अस्मिता की बजाये सत्ता प्रेम के कारण ही संयम खत्म हो गया है. बीजेपी ने इतने सालों तक विभिन्न राज्यों में स्वहित के लिये अन्य दलों को इस्तेमाल कर उन्हें लूट रही थी. जोकि उनका प्रेम नाटक था.

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