नागपुर (आईएएनएस)। एनसीपी अध्यक्ष पवार ने कहा कि तीनों पार्टियां ईमानदारी से एक स्थिर और सतत सरकार बनाना चाहती हैं ताकि राज्य में विकास और प्रगति पर जोर दिया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तीनों पक्ष अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा में व्यस्त हैं। पवार ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए एनसीपी के साथ विचार विमर्श कर रही थी या फिर कुछ काॅरपोरेट घरानों का इस मामले में दबाव था। पवार ने कहा कि वे केवल कांग्रेस, शिवसेना और हमारे अन्य सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।

कांग्रेस-एनसीपी हमेशा करती है धर्मनिरपेक्षता की बात

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार छह माह बाद ध्वस्त हो जाएगी। इस पर पवार ने हंसते हुए कहा कि वे कई सालों से फडणवीस को जानते हैं लेकिन उन्हें कभी नहीं पता था कि वे एक ज्योतिषी भी हैं। इस सवाल पर कि क्या शिवसेना अपने हिंदुत्व की साख से समझौता करने को तैयार है, कांग्रेस-एनसीपी के धर्मनिरपेक्ष को नजरअंदाज कर देगी? पवार ने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी हमेशा धर्मनिरपेक्षता की बात करती है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी और के खिलाफ हैं।

शिवसेना का सीएम, कांग्रेस-एनसीपी को डिप्टी सीएम

सत्ता के बंटवारे के फार्मूले पर और सीएम का पद कौन संभालेगा इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय होते ही सबकुछ एक बार में साफ हो जाएगा। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि जिन सूत्रों की चर्चा की जा रही है, उनमें शिवसेना को पूरे पांच साल के लिए सीएम पद, कांग्रेस-एनसीपी को एक-एक डिप्टी सीएम, शिवसेना और एनसीपी 14-14 के अनुपात में पोर्टफोलियो शामिल है। कांग्रेस को 12 प्लस विधानसभा अध्यक्ष का पद मिलने की संभावना है। रविवार को, पवार नई दिल्ली में कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने और उन्हें यहां शिवसेना के साथ विचार-विमर्श और आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी देंगे।

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