'सामना' ने अपने एडीटोरियल में लिखा है कि नीतीश कुमार ने रिजाइन करके महादलित की पॉलिटिक्स कार्ड खेलते हुए जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया.  मांझी पर भी अटैक करते हुए लिखा कि उनको भी इस पोस्ट का ऐसा नशा हुआ कि उनके दिमाग में चढ़ गया और उन्होंने करप्शन को खुले आम सर्पोट करना स्टार्ट कर दिया. 'सामना' में आगे लिखा गया है कि मांझी महाशय ने सरकारी ठेकेदारी में रिजर्वेशन कर के हर किसी को सरप्राइज कर दिया.

इसके बाद उसने बीजेपी को टारगेट किया और उस पर स्टायर करते हुए कमेंट किया कि एक स्टेट का मुख्यमंत्री खुले आम एक्सेप्ट करता है कि वो डेवलपमेंट के प्रोग्राम के फेवर में हो रहे काम के लिए कमीशन लेता है और उसी कमीशनखोर सीएम को बिहार विधानसभा में बीजेपी सर्पोट करने के रेडी हो जाती है ताकि वो उसका राजनीतिक फायदा उठा सके. पॉलिटिकल इंट्रेस्ट में गलत काम करने को 'सामना' में "पाप" करने के बराबर बताया है. हाल ही में एक पब्लिक मीटिंग में बिहार के सीएम जीतनराम मांझी ने बयान दिया था कि उन्होंने कुछ कामों के लिए कमीशन लिया था. उन्हों ने ये भी कहा कि वो अब से कमीशन में आने वाले पैसों को एजुकेशनल डेवलपमेंट के लिए खर्च करेंगे मतलब कमीशन लेना बंद नहीं करेंगे.

 

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