-आरयू में शूटिंग रेंज पर समर कैंप के दूसरे दिन सिखाया गया रायफल हैंडलिंग और स्टैंड पोजिशनिंग

बरेली : आरयू के स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट के शूटिंग रेंज के समर कैंप में दूसरे दिन बच्चों को शूटिंग के गुर सिखाए गए. कैंप में 10 से 18 साल के बच्चों ने भी हिस्सा लिया. कोच कमल सनी ने बच्चों को शूटिंग में स्टैंड पोजीशन के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने बताया कि शूटिंग में बेसिक चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. कंटीन्यू पै्रक्टिस करनी चाहिए और हर बार राइफल एक ही तरीके से पकड़नी चाहिए. वहीं मिसरयार खां भी बच्चों को प्रैक्टिस करा रहे हैं. वह भी बच्चों को शूटिंग की बारिकियां बता रहे हैं. कोच ने बताया कि आरयू में अभी भी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. कोई भी शूटिंग सीखने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है.

शूटिंग में करियर बनाना चाहते युवा

जीआरएम स्कूल के स्टूडेंट नैतिक वर्मा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में खबर पढ़कर कैंप में शूटिंग सीखने आए हैं. भविष्य में वह इसी फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं. डिफेंस में जाना चाहते हैं.

शिवगार्डेन कॉलोनी में रहने वाली अनु शिखा सिंह ने फ‌र्स्ट टाइम शूटिंग ज्वाइन किया है. आगे वह प्रोफेशनल खेलना चाहती हैं और नेशनल में जाना चाहती हैं. छोटे भाई उज्ज्वल ने भी कैंप ज्वाइन किया है. वह भी शूटिंग में करियर बनाना चाहते हैं.

विशारत गंज में रहने वाले उत्कर्ष गौरव ने बताया शूटिंग उन्हें बहुत पसंद है. बरेली में वह अपने नाना के यहां आए हैं तो कैंप ज्वाइन किया है. आगे भी वह पढ़ाई के साथ-साथ शूटिंग भी सीखेंगे.

हर्ष रघुवंशी ने बताया कि उनके फादर ने उन्हें शूटिंग कैंप ज्वाइन करा दिया. क्योंकि उनको सभी स्पो‌र्ट्स पसंद है. वही फ्यूचर में इसी फील्ड में करियर बना सकते हैं. अभी फाइनल डिसीजन नहीं लिया है.

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'मैं ही खेलता रहूंगा तो आगे बच्चों को नहीं मिलेगा मौका'

शहर के रहने वाले कमल सेन शूटिंग के इंटरनेशनल प्लेयर रह चुके हैं. उन्होंने कई बार मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. कमल सेन वैसे तो मेरठ के रहने वाले हैं, लेकिन अब वह बरेली में ही रहते हैं. वह खिलाडि़यों को शूटिंग की प्रैक्टिस करा रहे हैं. उनकी कोशिश है कि उनके कैंप के खिलाड़ी नेशनल शूटिंग कॉम्पटीशन में गोल्ड लाकर देश का नाम रोशन करें. वहीं अब नेशनल न खेलने सवाल पर उन्होंने बताया कि अगर वह ही खेलते रहेंगे तो आगे आने वाले बच्चों को मौका नहीं मिलेगा. इनके द्वारा सिखाए गए कई खिलाड़ी शहर में बच्चों को शूटिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं.

यह रहा है अचीवमेंट

- सन् 2010 में सिंगापुर ओपन में एक गोल्ड व एक सिल्वर लाए थे.

- सन् 2013 और 2014 में नेशनल कॉम्पटीशन में मेडल जीते थे.

-सन् 2015 में ब्रोंज मेंडल लाए थे, जो फ्री पिस्टल प्वॉइंट 22, 50 मीटर इंदौर में खेला गया था.