- इस बार है इंद्र योग, फूल का बर्तन खरीदने से मिलेगा विशेष लाभ

LUCKNOW: दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू हो जाता है। मान्यता है कि धनतेरस पर खरीददारी करने से विशेष लाभ मिलता है। द्वादशी के बाद धनतेरस का मान मिल रहा है इसलिए 25 अक्टूबर यानि शुक्रवार को धनतेरस मनाया जाएगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी जिसको धनवंतरि जयंती के रूप में मनाया जाता है। लोकाचार्य में इस दिन नये बर्तन के साथ सोना, चांदी, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम व प्रापर्टी आदि की खरीदारी की जा सकती है। इस दिन द्वादशी का मान दोपहर 4:31 तक है। जिसके बाद ही त्रयोदशी होगी। ऐसे में दोपहर 4:36 के बाद खरीददारी का समय शुभ है।

फूल का बर्तन खरीदने से विशेष लाभ

पं। प्रदीप तिवारी के अनुसार इस दिन आदि वैद्य धनवंतरि सोने के कलश में अमृत लेकर प्रकट हुये थे, इसलिए इस दिन नये बर्तन खरीदने का चलन है। विशेषकर पीतल व चांदी के बर्तन खरीदने का रिवाज है। काफी समय के बाद इंद्र योग भी इस बार बन रहा है जो लोगों के यश व ऐश्वर्य में वृद्धि करेगा। इस दिन फूल का बर्तन खरीदने से विशेष लाभ मिलेगा।

प्रदोष काल में दीपक जलाना शुभ

पं। प्रदीप तिवारी ने बताया कि प्रदोष काल का गोधूली काल शाम 5:08 से 6:08 तक का है। इस दौरान दीपक जलाना शुभ होता है। पं। राकेश पांडेय ने बताया कि धनतेरस के दिन कुबेर, गणेश व लक्ष्मी जी के पूजन का विधान शास्त्रों में बताया गया है। व्यापारियों को चाहिए की धन त्रयोदशी के दिन ही अपने व्यापारिक स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि बेला वृष लग्न में पूजन करें। जो शाम 6:33 से 8:30 तक व रात्रि काल सिंह लग्न 1:01 से 3:15 बजे तक है।

मां लक्ष्मी को लगाएं मधुपर्क का भोग

पं। प्रदीप तिवारी के अनुसार पुरूप सूक्त के अनुसार धनवंतरि का पूजन करना चाहिए। इसके साथ श्रीसूक्त के अनुसार मां लक्ष्मी का पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। मां की प्रतिमा को स्नान कराने के बाद नये वस्त्र पहनाने चाहिए। चंदन लगाने के बाद धूप दिखाकर विधि विधान से पूजन करें। लक्ष्मी पूजन करने वालों को चाहिए कि मां को कांस्य यानि कॉपर के बर्तन में विशेष मधुपर्क यानि दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण, का भोग लगाना चाहिए।

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शुभ मुहूर्त का रखें ध्यान

खरीददारी शुभ मुहूर्त 'शाम'

1. इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम 4:51-6:29

2. ज्वैलरी आइटम 6:33-8:30

3. गाडि़यां आदि 8:30-10:44