- रैंप, स्वचालित सीढि़यां और वॉकर की व्यवस्था नहीं

- खुद से करना चाहें एंट्री तो नहीं है कोई सुविधा

बरेली : शहर में कई शॉपिंग मॉल और शोरूम होने के बावजूद दिव्यांग शॉपिंग नहीं कर पाते हैं। उनके लिए शोरूम के अंदर पहुंचने की सुविधा नहीं है। हेल्प के जरिए ही वह पहुंच पाते हैं। इसके लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने एक रिएलिटी चेक किया। इसमें वाकई में दिव्यांगों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं मिली। न तो वॉकर, न रैंप और न ही इनके लिए स्वचालित सीढि़यां ही हैं। शहर के अन्य इलाकों को तो छोडि़ए मेन एरिया के मॉल और शोरूम में भी दिव्यांगों के लिहाज से कोई सुविधा नहीं दिखी। जिन शोरूम और मॉल का निर्माण हो रहा है। वह भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सिविल लाइंस : एंट्री करना ही मुश्किल

सिविल लाइंस एरिया में प्रभा टॉकीज के पास बने शॉपिंग मॉल में एंट्री गेट से शॉपिंग मॉल तक जाने के लिए दस सीढि़यों से गुजरना होता है। मॉल के बेसमेंट में बने शोरूम तक पहुंचने के लिए भी दर्जन भर सीढि़यों से उतरना पड़ता। इससे वहां पर दिव्यांगों का पहुंचना मुश्किल हो जाता है।

------

चौपुला रोड : सीढि़यां देखकर हो जाते हैं वापस

पटेल चौक से चौपुला रोड पर तीन शॉपिंग मॉल और कई शोरूम हैं, लेकिन किसी शॉपिंग मॉल और शोरूम ओनर ने दिव्यांगों के लिए रैंप नहीं बनवाए हैं। शॉपिंग मॉल और शोरूम में दिव्यांगों को कहीं आधा दर्जन तो कहीं दर्जन भर सीढि़यां चढ़कर ही एंट्री मिल पाएगी। दिव्यांगों की सुविधा के लिए यहां स्वचालित सीढि़यां, रैंप, वॉकर और बैसाखी आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से यहां शॉपिंग करने के आने वाले ज्यादातर दिव्यांग सीढि़यां देखकर ही वापस लौट जाते हैं।

कोई हेल्पर भी नहीं

शॉपिंग मॉल और शोरूम में सिक्योरिटी के लिए तो पार्किंग से लेकर जगह-जगह गार्ड तैनात रहते हैं, लेकिन यदि कोई दिव्यांग यहां शॉपिंग के लिए पहुंच जाए तो मदद के लिए एक हेल्पर तक नहीं है।

=================

यह सही है कि शॉपिंग मॉल्स में दिव्यांगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। इसलिए वहां जाकर शॉपिंग करने की बात भी नहीं सोच पाते हैं। कोई परिवार वाला हेल्प करके एंट्री भी करा दे तो भीड़ की वजह से शॉपिंग नहीं कर पाते हैं।

सरफराज, दिव्यंाग

---------------

दिव्यांगों को सुविधाएं मिलनी चाहिए। हमारी लगातार अनदेखी की जा रही है। सरकार की ओर से सुविधाएं तो आती हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर उनको लागू नहीं किया जाता है। यही रीजन है कि हम काफी पीछे रह जा रहे हैं।

अर्जुन, दिव्यांग

शहर में कोई भी शॉपिंग मॉल बने, उसमें दिव्यांगों के लिए जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए। अभी फिलहाल हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इससे हमें मजबूरी में मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है।

- हमजा, दिव्यांग