-मेला एरिया से हटाई गई दुकानें, कार्यालय के सामने दिया धरना
-अधिकारियों का तर्क, ऑनलाइन आवेदन नहीं किया तो कैसे करें आवंटन
PRAYAGRAJ: हकीकत तो यही है कि कई साल पुरानी दुकानों को प्रशासन ने मेला एरिया से पलक झपकते ही जमींदोज कर दिया। यह सभी बदले में आवंटन की मांग कर रहे थे लेकिन एक नहीं सुनी गई। अधिकारियों का कहना है कि आवेदन प्रक्रिया में इनके भाग नहीं लेने से अब इन्हें कोई लाभ नहीं दिया जा सकता। उधर दुकानें तोड़े जाने के बाद दर्जनों की संख्या में महिलाएं मेला ऑफिस के सामने धरने पर बैठी रहीं।
कैसे चलेगा हमारे घर का खर्च
महिलाओं का कहना था कि उनकी दुकानें पिछले कई सालों से मेला एरिया में थीं। रेहड़ी पटरी पर पूजा सामग्री बेचने से इनके घर का खर्च चल रहा था। अभी तक इतने कुंभ और माघ मेला आयोजित किए गए लेकिन इन्हें हटाया नहीं गया। लेकिन इस बार मेला प्रशासन ने सोमवार को एक झटके में बिना किसी पूर्व सूचना दुकानों को उखाड़ फेंका। दुकानों में रखे सामान भी बुलडोजर की चपेट में आकर खराब हो गए। ऐसे में सैकड़ों परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
सच क्या है किसे मालूम?
दुकानदारों का कहना है कि मंगलवार को मेला प्रशासन ने सभी को वार्ता के लिए बुलाया था। निर्णय होना था कि दुकानदारों को नए आवंटन किस जगह पर दिए जाएंगे। लेकिन इसके पहले ही प्रशासन के बुलडोजर ने सपनों पर पानी फेर दिया। उधर अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी मेला एरिया में अवैध दुकान लगाने नहीं दी जाएंगी। सभी को आवेदन प्रक्रिया में पार्टिसिपेट करने का आमंत्रण दिया गया था।
हमसे कहा गया था कि मेले में दूसरी जगह दुकानें लगवाने के लिए जगह दी जाएगी। मंगलवार को बुलाया भी गया था लेकिन उसके पहले ही दुकानों को अचानक तोड़ दिया गया। हम मेलाधिकारी से न्याय की मांग कर रहे हैं।
-गोलू सोनकर, पीडि़त दुकानदार
पहले ही सभी को आवेदन प्रक्रिया में बुलाया गया था लेकिन कोई नहीं आया। प्रक्रिया के तहत इनको मेले में लोकेट किया जा सकता था। अब इनको अवैध कब्जा नही करने दिया जाएगा।
-दिलीप कुमार त्रिगुणायत, एडीएम मेला