मुंबई (आईएएनएस)। एक शाॅर्ट फिल्म रिलीज हुई है जिसका नाम है कच्चे दिन। ये शाॅर्ट फिल्म प्रवासी मजदूरों के जीवन पर बनाई गई है। इस फिल्म में असलियत दिखाई गई है। इसके द्वारा लोगों तक अवेयरनेस फैलाई गई है, लोगों को बताया गया है कि प्रवासी मजदूर कैसे रह रहे हैं और किस तरह से अपने पेट भर रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन शैलेंद्र सिंह ने किया है। कई प्रवासी मजदूर भूख- प्यास से अपनी जान गंवा बैठे। लाॅकडाउन में कुछ अपने घर पहुंचने के लिए निकले थे और रास्ते में उन्हें कुछ हो गया। सिंह ने इंटरव्यू में कहा, 'गरीब मजदूर ही हमारी लाइफस्टाइल और बिल्डिंगों को बनाते हैं।'

'हमारी लाइफस्टाल बनाने में उन्हीं का हाथ रहता है'

सिंह ने आगे कहा, 'हमारे शहरों और बिजनेस को बनाने में उन्हीं का हाथ रहता है और जब वो परेशानी में हैं तो हम उन्हें बुरे हाल में छोड़ दे रहे हैं। फिल्म की स्टोरी टैक्सी ड्राइवर की जिंदगी के इर्द- गिर्द घूमती है। उसकी ये कहानी रियल इंसीडेंट पर आधारित है। वो सालों से वोरली में रहता है। कहानी हमे दिखाती है कि कैसे सालों से मुंबई और मेट्रो सिटीज को मजदूर अपने हाथों से बनाते आए हैं। जो लाइफस्टाल हम जीते हैं उसके पीछे मजदूरों का बड़ा हाथ है।'

'मजदूरों की वजह से ही कमफर्टेबल जी पा रहे हम'

उन्होंने आगे कहा, 'ये मजदूर ही हमारी कमफर्टेबल लाइफ स्टाइल के लिए जिम्‌मेदार हैं। इसलिए मैंने ये फिल्म बनाई कि लोगों को रिएलिटी दिख सके। लोग इससे रुबरू हो सकें।' बता दें कि इसमें दीपिक डोब्रीयाल, यशपाल शर्मा, टीना सिंह और अश्रुत जैन ने इसमें लीड रोल निभाया है। हालांकि रियल लाइफ में जब हम दीपिक, यशपाल, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राजकुमार राव की बात करें तो इन्होंने ने भी आर्टिस्ट बनने के लिए अपना- अपना घर छोड़ दिया है।

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