15 मार्च को सूर्य का मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास लग जाने से शुभ कार्यों मे विराम लग गया था। सूर्य मेष राशि में रविवार 14 अप्रैल को दिन में 4 बजकर 15 मिनट पर प्रवेश करते ही पुन: शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाएंगे। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश करना 'मेष-संक्रान्ति' कहलाता है।

इसी संक्रान्ति को भगवान सूर्य उत्तरायण की आधी यात्रा पूर्ण करते हैं। इस संक्रान्ति को धर्मघट, सत्तू, पंखा आदि का दान, स्नान, तिलों द्वारा पितरों का तर्पण तथा मधुसूदन भगवान के पूजन का विशेष महत्व है।

मेष संक्रान्ति के चार घंटे पहले से चार घंटे बाद तक आठ घंटों का पुण्यकाल रहता है। अत: 14 अप्रैल से नूतन-गृह प्रवेश, देव-प्रतिष्ठा, विवाह, मुण्डन, यज्ञोपवीत आदि शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाएंगे।

अप्रैल में विवाह मुहूर्त-

दिनांक 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25 और 26।

मई में विवाह मुहूर्त-

दिनांक 1, 2, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 28, 29 और 30।

जून में विवाह मुहूर्त—

दिनांक 4, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 24, 25 और 26।

जुलाई में विवाह मुहूर्त— 

दिनांक 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 11।

इसके बाद हरि शयन दोष आरम्भ हो जाने से विवाह संस्कार नहीं होगा। कार्तिक में पुन: प्रारम्भ होगा।

गृह प्रवेश के मुहूर्त - 

अप्रैल- 29

मई- 2, 11, 15, 16, 29 और 30।

जून- 12, 13, 14 और 15।

जुलाई-27 और 29।

— ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र

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