छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र :सरकार द्वारा बिना स्लाटर हाउस बनाए ही अपनी जवाबदेही मटन विक्रेताओं पर ही डाल दिया है। जिसका खामियाजा यह है कि जमशेदपुर में यह कारोबार आधे से भी कम हो गया है। शहर के सबसे बड़े मटन दुकान में से एक था काशीडीह स्थित मुरली की दुकान। यहां तड़के छह बजे से मटन लेने के लिए शहर भर से लोग आते थे। अब वह मटन के स्थान पर फ्रेश चिकेन की बिक्री कर रहा है।

यह है मामला

दुकानदार का मानना है कि शहर से मटन का कारोबार लगभग 80 प्रतिशत खत्म हो गया है। इसी तरह मानगो के सबसे बड़ा मटन विक्रेता अशोक दत्ता की दुकान उलीडीह थाने के ठीक सामने है अब लाइसेंस के चक्कर में इनका भी कारोबार लगभग ठप पड़ गया है। हालांकि अशोक दत्ता को मानगो अक्षेस की ओर से एनओसी मिल गया है। अब वह आधुनिक दुकान शंकोसाई रोड नंबर एक के अंदर खोल लिया है।

दो मटन दुकान को एनओसी

मानगो अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा अब तक आए आवेदनों में से दो आवेदनकर्ता को मटन बिक्री करने के लिए एनओसी दिया है। इसमें पारडीह चौक के पास स्थित देवकुमार को तथा दूसरा शंकोसाई रोड नंबर एक के दुकानदार अशोक दत्ता को मटन बिक्री करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। दोनों ही दुकानदार सरकार के गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं।