- 300 लोग रोजाना जुर्माना जमा करने पहुंच रहे
- 3 लाख रुपये रोजाना जमा हो रहा शमन शुल्क
- 2 काउंटर पर जमा हो रहा शमन शुल्क
mayank.srivastava@inext.co.in
LUCKNOW : समय - 11.30 बजे
स्थान - ट्रैफिक लाइन कैंट
सरर! मेरा नाम कलीम है और मेरा 8 हजार रुपये का चालान हुआ है। सरर! मैं प्राइवेट जॉब करता हूं और मेरी महीने भर की कमाई मात्र 12 हजार रुपये है, जिससे मेरा पूरे परिवार का खर्च चलता है। अगर जुर्माने के रूप में 8 हजार जमा कर दूंगा तो मैं महीने भर परिवार का खर्च कैसे चलाऊंगा। कलीम का यह दर्द शुक्रवार को ट्रैफिक लाइन में जन सुनवाई के दौरान छलका। केवल कलीम ही नहीं सैकड़ों लोग ऐसे थे, जो चालान की भारी-भरकम रकम को लेकर परेशान थे।
केस नंबर एक
कर दिया गलत चालान
मो। रेहान की गाड़ी यूपी 30 जेड 4011 का सचिवालय गेट के पास चालान कटा था, जिसमें ककेश हार्न, ट्रैफिक नियम का उल्लघंन और अगली सीट पर तीन सवारी बैठाने का हुआ था। हालांकि उनकी कामर्शियल गाड़ी में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगली सीट पर ड्राइवर के अलावा दो सवारी बैठाने का नियम है। इस नियम के तहत उनका चालान गलत कटा था।
केस नंबर दो-
साइट पर शो नहीं कर रहा चालान
महाराजगंज निवासी सुरेश जायसवाल का 24 जून को सीट बेल्ट न लगाने पर सौ रुपये का जुर्माना हुआ था। करीब ढाई महीने बाद ई चालान उनके आरसी में दर्ज महाराजगंज स्थित पते पर पहुंचा। सुरेश दो दिन से जुर्माना भरने ट्रैफिक पुलिस लाइन जा रहे हैं, लेकिन काउंटर में यह कहकर भेज दिया जाता है कि साइट पर आप का चालान शो नहीं कर रहा है। ऐसे में सुरेश जुर्माना भरने को अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि अगर चालान कोर्ट पहुंच जाएगा तो उन्हे दोगुना जुर्माना भरना होगा।
केस नंबर तीन-
मो। कलीम की बाइक नंबर यूपी-34-एवी-7081 का 3 सितंबर को चालान हुआ था। वह मौके पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिखा सके थे। वहीं वाहन का नंबर दोषपूर्ण बताया गया। उनका करीब 8 हजार रुपये का चालान काटा गया। मो। कलीम शुक्रवार को ट्रैफिक लाइन जनसुनवाई में पहुंचे, जहां पर जुर्माने की धनराशि आठ हजार को लेकर उनका दर्द छलका।
लगती है लंबी लाइन
ट्रैफिक लाइन ऑफिस में हर दिन जुर्माना भरने वालों की लंबी लाइन लगती है। रोजाना ई चालान भरने वालों की लंबी फेरिस्त है जबकि जुर्माने की रकम जमा करने को केवल दो काउंटर हैं। वहीं महिलाओं के लिए अलग से लाइन नहीं है। लाइन में रोजाना जुर्माने की धनराशि के रूप में करीब दो से तीन लाख रुपये शमन शुल्क जमा हो रहा है। किया जा रहा हैं।
मैनुअल चालान में सबसे ज्यादा दिक्कत
ई चालान के साथ-साथ मैनुअल चालान में भी काफी गड़बड़ी मिल रही है। नये मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कुछ एक्ट में जुर्माने की धनराशि को कम किया गया है, लेकिन जानकारी के अभाव में ट्रैफिक कर्मी पुरानी दर पर चालान कर रहे हैं। ऐसे में इस ठीक कराने वालों की भी भीड़ ट्रैफिक लाइन उमड़ रही है।
हर शुक्रवार होती है जन सुनवाई
ट्रैफिक लाइन में हर शुक्रवार जन सुनवाई होती है, जिसमें वाहन स्वामी चालान की गड़बड़ी की शिकायत कर सकते हैं। जन सुनवाई एसपी ट्रैफिक और सीओ ट्रैफिक की मौजूदगी में होती है। चालान के जुर्माने को तफ्तीश या जांच के बाद केवल एसपी ट्रैफिक को ही उसे दुरुस्त करने की पॉवर है। हर शुक्रवार को बड़ी तादाद में लोग गड़बड़ चालान की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
जुर्माने की राहत के नियम से अंजान है लोग
ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर भारी भरकम जुर्माना से भले ही लोग परेशान हैं, लेकिन गलती से कटने वाले चालान पर मिलने वाली राहत से भी लोग अंजान हैं। इसका उदाहरण है कि अगर चेकिंग के दौरान आप के पास तत्काल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो ढाई हजार का चालान होता है, लेकिन अगर आप के पास ड्राइविंग लाइसेंस है और चेकिंग के दौरान उसे नहीं दिखा सके तो डीएल दिखाकर सौ रुपये ही जुर्माने की धनराशि भरनी होगी।
कहीं गाड़ी नहीं तो कहीं फोटो में कंप्यूजन
जन सुनवाई में कई ऐसे लोग भी आए जिनका कहना था कि जिस दिन उनके घर ट्रैफिक नियम तोड़ने का चालान पहुंचा वह शहर के बाहर थे और उनकी गाड़ी भी रोड पर नहीं थी। यहीं नहीं एक मामले में युवक ने बताया कि वह हेलमेट लगाए हुए था फिर भी उसके घर ट्रैफिक नियम तोड़ने का चालान पहुंचा।
जुर्माने की पुरानी और नई दरें
कारण जुर्माना पहले जुर्माना नई दर से
बिना हेलमेट 100 1000 , तीन माह के लिए डीएल निलंबित
बिना सीट बेल्ट 100 1000
बिना डीएल 500 5000
मोबाइल पर बात करते ड्राइविंग 1000 5000
शराब पीकर वाहन चलाने परं 2000 10000
प्रदूषण फैलाने पर 1000 10000
बिना परमिट पर 5000 10000
बिना बीमा वाहन पर 1000 2000
ओवर स्पीड पर 400 2000
खतरनाक ड्राइविंग 1000 5000
तेज रफ्तार पर 1000 2000
बिना गाड़ी कागजात 5000 10000
ओवर लोडिंग पर 4000 20000
इमरजेंसी वाहनों को रास्ता नहीं देने पर । 10000
हास्पिटल के पास हार्न बजाने पर . 1 000