आपदा की चुनौतियों पर दो दिन की वर्कशॉप में लाखों खर्च

वर्कशॉप में आये कई प्रतिभागी होटल में चेयर्स पर सोते रह

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DEHRADUN(22 Nov): राज्य में ख्0क्फ् की केदारनाथ त्रासदी जैसे हालात फिर आ जाए तो कैसे निपटा जाए, सरकार ने लाों रूपए ार्च कर आपदा प्रबंधन विषय पर दून में दो दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया लेकिन अफसरों ने इसका जमकर माौल उड़ाया। विशेषज्ञों को सुनने के बजाय प्रतिागी अफसरों ने मटन-चिकन उड़ाने के बाद नाच-गाना देा और जब विशेषज्ञ बोल रहे थे तब कुर्सियों पर ही साे गए।

आपदा प्रबंधन ढांचे पर उठे सवाल

सेमिनार के दौरान उस समय हास्यास्पद स्थिति पैदा हो गई, जब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु के सीनियर प्रोफेसर विनोद के गौड ने आपदा सचिव अमित नेगी से पूछा कि आपने अब तक आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्या किया है। इस सवाल के जवाब में सचिव व‌र्ल्ड बैंक से लोन लेने के अलावा कोई उपलधि नहीं गिना पाये। इस पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर से हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि दरअसल अब तक उत्तरांड में आपदा प्रबंधन का ढांचा ही स्थाई नहीं है।

अफसरों की यह कैसी लापरवाही

वर्कशॉप में आपदा से जुड़े विािन्न विागों के अधिकारियों को बुलाया गया था, व्यायानों के दौरान कई अधिकारी सोफों पर ऊंघते नजर आये। सेमिनार रूम में बैठने के बजाए बाहर ही घूमते रहे, आधा हॉल खाली रहा

खाया-पीया, डांस देखा और सो गए

विशेषज्ञों के व्यायान सुनने के लिए बेशक बहुत कम लोग उपस्थित रहे हों, लेकिन डिनर में चिकन-मटर का लुत्फ लेने और उसके बाद नाच-गान देाने के लिए उपस्थिति काफी अच्छी रही। नाच-गान का आयोजन मंगलवार रात किया गया था।

सीएम ने किया था इनॉग्रेशन

उत्तरांड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से एक होटल में आयोजित हिमालयी राज्यों में आपदा, सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर, संावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर दो दिन वर्कशॉप का उद्घाटन मंगलवार को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया था। इसमें दो दर्जन से ज्यादा विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

बिना कार्ययोजना की वर्कशॉप

आपदा पर कार्यशाला अच्छी बात है, लेकिन इसके बाद कार्ययोजना आनी चाहिए। विशेषज्ञों ने खतरे तो गिनाए और आगाह और अफसर सोते रहे इससे आप खुद ही अंदाजा लगा लो कि सरकार इन आपदाओं से निपटने के लिए कितनी तैयार है।

हरीश रावत, पूर्व सीएम उत्तराखंड