GORAKHPUR: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा व द्वितीया तिथि पर सोमवार व मंगलवार को अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, यम पूजा, भईया दूज आदि त्योहार परंपरागत रूप से मनाया गया। कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया अर्थात यम द्वितीया पर मंगलवार को गोवर्धन पूजा तथा भईया दूज मनाते हुए बहनों ने भाइयों को कोसकर उनके मंगल की कामना की। स्त्रियों ने मंगलवार को गोधन कूटा।

भाई के हित के लिए मनाए जाने वाले त्योहार गोवर्धन पूजा तथा भइया दूज के दिन बहनों ने व्रत रख यमराज से अपने भाइयों की लम्बी उम्र एवं सुखी जीवन के लिए प्रार्थना की। अनेक परिवार की स्त्रियों ने पारंपरिक रूप से मिल-जुलकर मुहल्ले में अथवा घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की अनुकृति बनाई और उसके चारों तरफ गोबर से ही चौक के रूप में अल्पना सजाई। बीच में मिट्टी की एक हाड़ी या सुपारी रखी गई तथा गोबर के इस गोवर्धन को भटकइया नामक कांटेदार पौधे की डालियां खोंसकर सजाया गया। इसके बाद स्त्रियों एवं लड़कियों ने कोसिया भरकर अपने-अपने भाइयों को कोसा तथा बद्दुआएं दी। यहां तक कि उनकी मृत्यु तक की कामना की गई। फिर बहनों ने अपनी जीभ दबाकर यमराज से प्रार्थना किया कि भाइयों के प्रति उनकी इस अमंगल कामना को मंगल में बदलकर उनके भाइयों की उम्र लम्बी करें, उन्हें अकाल मृत्यु से बचाएं, तथा उनका जीवन मंगलमय करें।