वाम एकता की जरूरत क्यों पड़ी?

- सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए। मोदी की जो सरकार है, वह आरएसएस का एक अंग है। केंद्र की यह सरकार से देश को खतरा है। इसी खतरे से देश को बचाने के लिए वाम एकता की जरूरत पड़ी है। बिहार से वाम एकता की शुरुआत हुई है और यह एकता पूरे देश को गाइड करेगी। इस चुनाव में हम फिर से बिहार में वर्ग संघर्ष को धार देने कोशिश करेंगे।

अब तक तो लालू-नीतीश का सपोर्ट करते रहे। अब भाजपा को रोकना है, तो उनका साथ छोड़ दिए।

- जदूय भी तो पिछले सात साल से भाजपा के साथ ही थी। बीजेपी और जदयू की नीतियों में बहुत अंतर नहीं है। जनता के ऊपर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। लालू ने भी सामाजिक न्याय के नाम पर यहां के लोगों को ठगा ही है। हद तो ये है कि अब यहां भी किसान आत्महत्या करने लगे हैं। हम इन नीतियों के खिलाफ एकजुट हुए हैं। सरकार किसी की भी बने हम अपने लोगों से यही कहेंगे कि सदन में वामपंथियों की इतनी संख्या हो कि हम दबाव बनाने की स्थिति में हों।

युवाओं को अपनी ओर लाने के लिए लेफ्ट के पास क्या एजेंडा है?

युवाओं को हम ही रोजगार दे सकते हैं। वर्तमान की सरकार तो कुछ कॅारपोरेट घरानों की सरकार है। इस सरकार से युवाओं का भला नहीं होने वाला।

केंद्र तो अच्छे दिन का दावा करती है, आप?

- कहां का अच्छा दिन। देश की संपत्तियों पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। हमारा देश गरीब नहीं है। सरकार की नीतियां गलत हैं। इस देश को वैकल्पिक नीतियों की जरूरत है, जो सिर्फ वामपंथ ही दे सकती है। बिहार में वाम एकता की शुरुआत हुई है ओर यही पूरे देश को राह दिखाएगी। हम वर्ग एकता की बात करते हैं। हमारी लड़ाई जाति और संप्रदाय की राजनीति करने वालों के साथ है।

(वाम कन्वेंशन में शामिल होने आए सीताराम येचुरी से आई नेक्स्ट ने की बातचीत.)