दो स्टेट को चार सीएम सहित कई क्षेत्र में एक्सपर्ट दिए, पर मुझे देखने वाला कोई नहीं

- स्टेट का मुख्यमंत्री मेरी ही यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट, फिर मेरी हालत खराब

- दरक रहा कैंपस, स्टूडेंट्स के रहने लायक हॉस्टल तक नहीं, टीचर्स की कमी तो है नहीं

PATNA: मैं पटना यूनिवर्सिटी हूं। सातवीं यूनिवर्सिटी के रूप में मेरी स्थापना क्9क्7 में गंगा के किनारे हुई। मैं तब से लगातार आज तक ज्ञान बांट रही हूं। मैंने दो स्टेट को चार सीएम सहित लगभग हर क्षेत्र में एक्सपर्ट दिए, जिसने देश को एक दिशा दिया, लेकिन अबतक किसी ने मेरी बदहाली पर ध्यान नहीं दिया। हमसे यह बेरूखी क्यों?

नए पर दीवानगी पुराने के साथ बेरुखी

हमारे यहां से पढ़कर इंजीनियर बने, आज सीएम हैं। इन्होंने अपने कार्यकाल में चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व आर्यभ्ट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी खोला। इनमें से दो का बेहतरीन कैंपस बना और एक का अभी नींव रखा गया है। आने वाले वर्षो में इसका यहां बेहतरीन सुविधाएं होंगी। वहीं मेरा कैंपस दरक रहा है। हॉस्टल तो स्टूडेंट्स के रहने लायक भी नहीं है। कैंपस में पढ़ाई के लिए टीचर्स नहीं हैं।

क्9क्8 में हुआ था पहला एग्जाम

पटना यूनिवर्सिटी में फ‌र्स्ट एग्जाम क्9क्8 में हुआ था। उस समय फ्म्79 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया था, जिसमें क्म्9म् स्टूडेंट्स पास हुए थे। आई ए की परीक्षा में 8फ्0 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे, जिसमें ब्ख्क् स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की। बीए के एग्जाम में ब्म्ख् स्टूडेंट्स में से क्9ख् स्टूडेंट्स पास हुए, वहीं बीएससी के एग्जाम में फ्ब् में से ख्ख् स्टूडेंट्स पास हुए थे। इसके अलावा बीएड एवं लॉ एग्जाम में क्रमश: क्क् एवं ब्ब् स्टूडेंट पास हुए थे।

ख्भ् हजार स्टूडेंट्स की क्षमता

पटना यूनिवर्सिटी के पास इन दिनों दस कॉलेज हैं। इनमें ख्भ् हजार की संख्या में रेग्यूलर व डिस्टेंस कोर्स में पढ़ाई कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए कैंपस में टीचर्स की कमी है। दस कॉलेज एवं फ्क् के करीब पीजी डिपार्टमेंट में पढ़ाने के 888 पद हैं, जिनमें मात्र फ्फ्भ् के करीब टीचर्स बचे हैं। नॉन टीचिंग के क्ब्फ्म् पोस्ट में से मात्र 800 स्टाफ ही शेष रह गए हैं।

कई सुविधाएं हैं पेंडिंग

पीयू में टीचिंग व नॉन टीचंग स्टाफ का प्रमोशन अभी तक नहीं हो पाया है। इसके लिए कैंपस में लगातार स्ट्राइक पर स्ट्राइक होते रहे हैं। हालांकि कैंपस में नॉन टीचिंग स्टाफ अभी भी स्ट्राइक पर हैं। वहीं हॉस्टल भवन काफी जर्जर हो चुका है। मेंटेंनेंश के लिए फंड का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है।

बात-बात पर निकलती है गोली-बंदूक

पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में अवैध कब्जा एक बड़ा मुद्दा है। यूनिवर्सिटी ने तो स्टूडेंट्स को हॉस्टल से केवल कागजी तैर पर खाली करवाया है लेकिन वास्तव में अभी कई स्टूडेंट्स हैं जो अवैध रूप से रह रहे हैं। यहां कैंपस में बात-बात पर लाठी-डंडा और हॉकी स्टिक चलना तो आम बात है।

फिर भी अनसिक्योर्ड हैं स्टूडेंट्स

कैंपस में कई लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। बड़ी संख्या में प्राइवेट गार्ड, पुलिस आउट पोस्ट है, इसके बाद भी कैंपस में स्टूडेंट्स के साथ आए दिन कुछ न कुछ घटनाएं होती ही रहती है।

ये हैं हमारे एल्युमिनी

- जयप्रकाश नारायण, जेपी आंदोलन के प्रणेता

- रामधारी सिंह दिनकर, प्रख्यात कवि

- डॉ बीसी राय, पश्चिम बंगाल के पहले सीएम

- श्रीकृष्ण सिंह, बिहार के पहले सीएम

- नीतीश कुमार, बिहार के वर्तमान सीएम

- सुशील कुमार मोदी, पूर्व डिप्टी सीएम बिहार

- एन एन सिन्हा के बिहार पहले डिप्टी सीएम

- उदय नारायण चौधरी, चेयरमेन बिहार विधान सभा

- यशवंत सिंह, एक्स सेंट्रल मिनस्टिर

- राम विलास पासवान, सेंट्रल मिनिस्टर

- उपेंद्र कुशवाहा, सेंट्रल मिनिस्टर ऑफ स्टेट