छह दिवसीय राष्ट्रीय लोकरंग नाट्य महोत्सव का आगाज

पहले दिन लोककला पर आधारित नौटंकी दहेज प्रथा का हुआ मंचन

ALLAHABAD: सॉफ्ट पावर आर्ट एंड कल्चर इलाहाबाद की ओर से छह दिवसीय राष्ट्रीय लोकरंग नाट्य महोत्सव का आगाज रविवार को हुआ। कंपनी बाग स्थित चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा स्थल के समीप पहले दिन उ। प्र। लोक कला पर आधारित नौटंकी दहेज प्रथा का मंचन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह व विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश पुरोहित ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। कलाकारों ने दिखाया कि किस तरह दहेज जैसे घृणित कार्य से न जाने कितनी मासूम लड़कियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।

गरीब की बेटी से मंदबुद्धि का विवाह

इसमें नौटंकी की कहानी एक प्रतिष्ठित जमींदार परिवार पर केन्द्रित रही। जिसकी बेटी तेज बुद्धि की तो बेटा मंद बुद्धि का था। बेटे की शादी गरीब घर की बेटी से हो जाती है। कुछ समय बीतने के बाद सास बहू पर जुल्म ढाने लग जाती है, वह भी सिर्फ इसलिए कि उसने पर्याप्त दहेज नहीं लाया था। ऐसे में एक दिन बहू को जला दिया जाता है। लेकिन तकदीर उसका साथ देती है और लड़की का भाई उसे बचा लेता है। भाई उसके ससुराल वालों से बदला लेने की कसम खाता है।

नौटंकी में दिखाया गया कि कैसे कार्रवाई के डर से जमींदार उसका बेटा व मां मायके वालों के चरणों में जाकर गिर जाते हैं। संकल्प लेते हैं कि उनसे बहुत बड़ी भूल हो गई है। इसमें श्याम लाल निर्मोही, अनूप गुप्ता, बृजेश पटेल, विजय बहादुर सिंह ने सशक्त अभिनय किया।

डॉॅ। राजन समदरिया, अध्यक्ष साफ्ट पावर एंड कल्चर