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GORAKHPUR : छह दिन पहले ही हुई थी शादी। रिश्तेदार जा चुके थे पर घर में शादी की खुशी बरकरार थी। लेकिन क्या मालूम था कि ये खुशियां मातम में बदलने वाली हैं। मामला जगदीशपुरा क्षेत्र का है। यहां के रहने वाले एमबीबीएस डॉक्टर ने शादी के छह दिन बाद ही फांसी का फंदा बना कर जान दे दी। आखिर क्यों, ऐसा क्या हुआ ये किसी को नहीं मालूम। घटना से परिजनों से लेकर रिश्तेदार तक हैरान हैं। इकलौते बेटे की मौत पर परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

11 दिसंबर को हुई थी शादी

मारुति एस्टेट, राधिका विहार निवासी 35 वर्षीय डॉ। नवल कांत सिंह पुत्र छत्रपाल सिंह ने एसएन से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। वह यहां से अब इंटरशिप कर रहे थे। पिता रिटायर्ड प्रधानाचार्य हैं। बीते 11 दिसम्बर को नवल कांत की शादी जिला अस्पताल में तैनात चीफ फार्मासिस्ट महेश बघेल निवासी ट्रांस यमुना कॉलोनी की बेटी ज्योति से हुई थी।

भाई के पैर छूकर कमरे में गया

मंगलवार की सुबह घर में रिश्तेदार आए हुए थे। डॉ। नवल कांत ने रिश्ते के भाई के पैर छुए। भाई ने हालचाल पूछा तो उसने कुछ नहीं बोला और सीधे ऊपर बने अपने कमरे में चले गए। वहां से नवविवाहिता को नीचे भेज दिया। घर में रिश्तेदारों के लिए नाश्ता बन रहा था। सभी लोग जब नाश्ता करने के लिए बैठे तो नवल कांत को आवाज दी।

अंदर से बंद था दरवाजा

आवाज देने पर नवल कांत ने कोई जबाव नहीं दिया। परिजनों ने फिर से नाश्ते के लिए आवाज दी पर दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई। आशंका मन में जगी तो सभी ऊपर कमरे की तरफ भागे। दरवाजा अंदर से बंद था। परिजनों ने दरवाजे को काफी देर तक खटखटाया पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई। दरवाजा लोहे का था, जिससे तोडऩे में काफी देर लग गई।

दरवाजा तोड़ कर निकाला बाहर

15 मिनट निकलने के बाद किसी तरह लोहे के दरवाजे को तोड़ कर परिजन अंदर पहुंचे। परिजनों ने देखा कि नवल कांत रस्सी के सहारे पंखे पर लटका है। देखते ही परिजनों की चीख निकल गई। परिजन उसे लेकर तुरंत एसएन हॉस्पिटल लेकर दौड़े। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों की बिगड़ी हालत

एसएन पर मृतक के माता-पिता व अन्य रिश्तेदार पहुंच गए। बेटे को शव को देख माता-पिता बदहवास हो गए। पिता के मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि मेरा इकलौता सहारा चला गया। मुझे भी मार दो। शादी वाले घर का माहौल मातम में बदल गया। आसपास के लोग, रिश्तेदार सभी इस बात से हैरान थे कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि नवल कांत ने इतना बड़ा कदम उठाया। मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

डॉक्टर ने सुसाइड किया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। सुसाइड का कारण पता नहीं चला। मौके पर कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।

रमेश चंद भारद्वाज, इंस्पेक्टर थाना

जगदीशपुरा

 

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