- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने परखी इन हॉटस्पॉट की स्थिति

LUCKNOW: कोरोना संक्रमण के मामले में राजधानी रेड जोन में है। फिलहाल 337 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 4 की मौत हो चुकी है जबकि 315 मरीज इलाज कराकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। लॉकडाउन के बावजूद इतनी भारी तादाद में मरीज मिलने से सनसनी फैली हुई है। जिन इलाकों से संक्रमित मरीज मिले, वहां से यह अन्य इलाकों में न फैले, इसके लिये जिला प्रशासन व पुलिस ने हॉटस्पॉट घोषित किये हैं। इन सभी हॉटस्पॉट इलाकों को नगर निगम व फायर विभाग द्वारा कई-कई बार सेनेटाइज किया जा चुका है। शुरुआत में राजधानी में हॉटस्पॉट की संख्या 18 थी, जो घटते-घटते बुधवार को छह तक आ पहुंची है। आइये आपको बताते हैं इन हॉटस्पॉट के बारे में कि वे कब तक ग्रीन जोन में शामिल हो सकते हैं-

हॉटस्पॉट: कसाईबाड़ा, कैंट

कब बना : 3 अप्रैल

इलाके की मस्जिद आली जान में ठहरे सहारनपुर के जमातियों की जांच में 12 कोरोना पॉजिटिव मिले, जिसके बाद 3 अप्रैल को इलाके को सील कर हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया। हालांकि, बावजूद इसके इलाके में कोरोना संक्रमित मरीजों का मिलना जारी रहा और अब तक यह संख्या 110 पहुंच चुकी है।

जिम्मेदार: निजामुद्दीन मरकज से जलसे में शामिल होकर लौटे संक्रमित जमातियों से संक्रमण इलाके में फैला। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

वर्तमान हालात: इलाके में ट्रिपल लेयर बैरिकेडिंग की गई है। इतनी भारी तादाद में मरीजों के मिलने के बाद भी भीतरी इलाकों में लोग अब भी खुले में घूम-टहल रहे हैं। रोक-टोक करने पर पुलिस पर एक बार हमला भी हो चुका है।

संभावना: कोरोना संक्रमण का आखिरी केस 16 मई को सामने आया। नियमत: 21 दिन तक नया केस न आने पर हॉटस्पॉट को समाप्त कर दिया जाता है। हालांकि, जिस तादाद में लगातार इलाके से कोरोना संक्रमित लोगों का सामने आना जारी है, उससे लगता नहीं कि यह इलाका हाल-फिलहाल ग्रीन जाने घोषित हो सकेगा।

हॉटस्पॉट : नया गांव पश्चिम, नजीराबाद

कब बना : 14 अप्रैल

सबसे पहले इलाके के एक बुजुर्ग में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उस बुजुर्ग ने कैंट रोड स्थित मेडिकेयर हॉस्पिटल और फिर केजीएमयू में इलाज कराया, जहां उसकी मौत हो गई। 14 अप्रैल को इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया। बुजुर्ग के भाई व बेटे के भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मेडिकेयर हॉस्पिटल और केजीएमयू के मेडिसिन वार्ड को सील करना पड़ा। इसके अलावा बुजुर्ग ने चरक डायग्नोस्टिक्स में जांच भी करायी थी, जिसे सील कर दिया गया था। उसके घर के दो अन्य सदस्य व एक अन्य व्यापारी भी संक्रमित मिले, जिनका इलाज जारी है।

जिम्मेदार: सउदी अरब से लौटे बुजुर्ग ने जमातियों से भी मुलाकात की, जिसके बाद उसमें कोरोना के लक्षण दिखाई पड़े।

संभावना: 14 अप्रैल से इलाके में कोई केस सामने नहीं आया है। जल्द ही इलाके को ग्रीन जोन में शामिल किया जा सकता है।

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हॉटस्पॉट: कैसरबाग सब्जीमंडी और जंबूरखाना

कब बना : 9 मई

कैसरबाग सब्जीमंडी और घसियारी मंडी इलाके में कोरोना संक्रमित फल आढ़ती मिलने के बाद 9 मई को हॉटस्पॉट घोषित किया गया। सब्जी मंडी और घसियारी मंडी में कुल मिलाकर दो हजार से अधिक मकान हैं। कॉन्टैक्ट हिस्ट्री तलाशते हुए अब तक की गई जांच में 29 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। वहीं, जंबूरखाना मछली मोहाल में अब तक 17 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं।

जिम्मेदार: खंदारी लेन में संक्रमित मिले फल विक्रेता को जिम्मेदार माना गया। उसकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री ट्रेस करते हुए जांच की सुई फल आढ़ती तक पहुंची। जिससे यह संक्रमण इलाके में फैला।

संभावना: इलाके में आखिरी पॉजिटिव केस 17 मई को सामने आया। अगर इलाके में अगले 11 दिन तक एक भी केस सामने नहीं आया तो इसे ग्रीन जोन घोषित किया जा सकता है।

हॉटस्पॉट: मौलवीगंज चिकमंडी

कब बना: 20 मई

बलरामपुर हॉस्पिटल में एडमिट सब्जी विक्रेता की मौत हो गई। मौत के बाद हुई जांच में पता चला कि मृतक कोरोना पॉजिटिव था, जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों सैंपल लिये गए और इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया। मृतक के एक अन्य परिवारीजन भी बाद में कोरोना पॉजिटिव मिला। बलरामपुर इमरजेंसी को भी सील कर दिया गया।

जिम्मेदार: सब्जी विक्रेता बीमार होने के बाद सीधे बलरामपुर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसे एडमिट कर लिया गया। उसकी कोरोना जांच की गई लेकिन, रिपोर्ट आने से पहले ही उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट में पॉजिटिव आने पर परिवारीजनों के सैंपल टेस्ट किये गए।

संभावना: कोरोना पॉजिटिव का आखिरी केस 19 मई को सब्जी विक्रेता के परिवारीजन का सामने आया। अगर अगले 13 दिन तक कोई नया केस सामने नहीं आया तो इलाके को ग्रीन जोन घोषित करते हुए बंदिशें हटा ली जाएंगी।

हॉटस्पॉट: निशातगंज पांचवी गली

कब बना: 20 मई

निशातगंज के पांचवी गली निवासी केजीएमयू नर्स कोरोना संक्रमित मिली। आनन-फानन उसे इलाज के लिये केजीएमयू में एडमिट कराया गया। परिवारीजनों के सैंपल लिये गए। जिसमें उसकी भतीजी भी अगले दिन कोरोना संक्रमित पायी गई। लिहाजा, इलाके को सील करते हुए हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया।

जिम्मेदार: केजीएमयू नर्स किसी संक्रमित के संपर्क में आने से कोरोना की चपेट में आयी। वहीं, उसके संपर्क में आने से उसकी भतीजी भी कोरोना पॉजिटिव पायी गयी।

संभावना: इलाके को हॉटस्पॉट घोषित हुए अभी एक सप्ताह ही बीता है। अगले 14 दिन तक कोई पॉजिटिव केस न आने पर इलाका ग्रीन जोन घोषित हो सकता है।

हॉटस्पॉट: दारोगा खेड़ा

कब बना: 27 मई

सरोजनीनगर के दारोगाखेड़ा निवासी व्यक्ति के घर मुंबई से दामाद आया। उन्होंने मोहल्ले में छिपाए रखा। ऐसे में लोगों उनकी परचून की दुकान पर सामान भी खरीदते रहे। कुछ दिन बाद दामाद को बुखार-जुकाम हुआ। उसमें जांच में 25 मई को कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद सीएमओ की टीम ने घर के सभी दस सदस्यों की जांच कराई। इसमें पांच लोगों में वायरस की पुष्टि हुई। सभी को लोकबंधु अस्पताल भेज दिया गया है।

जिम्मेदार: मुंबई निवासी व्यक्ति को उसके परिजनों ने बिना किसी को सूचना दिये छिपाये रखा। लक्षण उभरने पर जब उसकी जांच की गई तो वह और उसके साथ चार अन्य परिवारीजन कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

संभावना: अगले 21 दिन तक इलाका सील रहेगा। कोरोना संक्रमित का नया मामला सामने न आने पर ही हॉटस्पॉट से इलाका ग्रीन जोन घोषित होगा।