- हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान हिमाचल व दिल्ली होंगे लाभान्वित

- उत्तराखंड को सिंचाई, घरेलू व औद्योगिक उपयोग को मिलेगा 19.72 एमसीएम जल

- राष्ट्रीय परियोजना घोषित रेणुका परियोजना के जलघटक का 90 प्रतिशत अनुदान केंद्र द्वारा दिया जाएगा

DEHRADUN: नई दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के मध्य रेणुका बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए एमओयू साइन हुए। इस अवसर पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, यूपी के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, राजस्थान के अशोक गहलोत, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल व हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर मौजूद थे। उत्तराखण्ड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खुशी जताते हुए कहा कि एमओयू होने से काफी समय से लंबित चल रही रेणुका परियोजना की राह खुली है। राष्ट्रीय महत्व की परियोजना के बनने से छह स्टेट्स लाभान्वित होंगे। इससे पूर्व लखवाड़ परियोजना पर भी एमओयू हुआ। लंबे समय से अटके नेशनल प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी का आभार जताया.

उत्तराखंड ने 15 अक्टूबर 2018 को भेजी एनओसी

वर्ष 1994 में परियोजना से प्राप्त होने वाले जल के बंटवारे के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली के बीच अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया। उसके बाद उपरी यमुना नदी में प्रस्तावित तमाम परियोजनाओं पर क्रियान्वयन की कार्रवाई वर्षे से लंबित थी। लेकिन अब इस समझौते के बाद कुछ संशोधन होने पर यमुना रिवर बोर्ड के द्वारा अप्रैल 2018 में रेणुका बहुउद्देशीय परियोजना के समझौता प्रपत्र सभी लाभ पाने वाले राज्यों को अनुमोदन के लिए प्रेषित किया गया था। प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड शासन की एनओसी बीते वर्ष 15 अक्टूबर को अपर यमुना रिवर बोर्ड को भेजी गई थी। आखिर में प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर सभी राज्यों से एनओसी प्राप्त होने के बाद शुक्रवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के सामने सभी राज्यों ने रेणुका बहुउ्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए समझौता पत्र पर अपने साइन किए।