मानकों के बिना हो रहा पशुओं का कटान, डेढ़ सौ फीट गहराई तक पानी दूषित

निवासियों की शिकायत पर शासन का स्लॉटर हाउस की जांच व कार्रवाई के निर्देश

BAREILLY:

मोहनपुर ठिरिया में नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त स्लॉटर हाउस पर ही मानकों की धज्जियां उड़ाकर पर्यावरण और जनता को बीमार

करने के आरोप लग रहे हैं। निगम की नाक के नीचे ही स्लॉटर हाउस में पशुओं की कटान के बाद अवशेषों का डिस्पोजल मानकों के मुताबिक नहीं किया जा रहा है। इसके चलते एरिया में करीब डेढ़ सौ फीट गहराई तक का पेयजल दूषित हो गया है। मोहनपुर ठिरिया के लोगों ने स्लॉटर हाउस में पशु कटान के चलते पर्यावरण व भूमिगत जल के दूषित होने के खतरे की शिकायत शासन से की है। शासन की ओर से डीएम बरेली और नगर निगम को मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है।

प्रमुख सचिव ने दिए निर्देश

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम के आदेश पर अवैध बूचड़खानों पर धड़ाधड़ कार्रवाई होने लगी। शासन की इस पहल पर जनता ने भी अवैध पशु कटान से होने वाली समस्याओं के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में मोहनपुर ठिरिया के निवासियों ने भी पिछले महीने शासन से एरिया में चल रहे स्लॉटर हाउस की शिकायत की थी। जिसमें स्लॉटर हाउस के मानकों पर खरे न होने और पशु कटान के बाद अवशेष व गंदे पानी के जमीन में ही डंप करने की कंप्लेन की गई। इस पर विशेष सचिव शैलेंद्र कुमार सिंह ने 10 अप्रैल को बरेली डीएम को शिकायतों की जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही शिकायत पर सत्यता पाए जाने पर ठोस कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।

जांच में दी थी क्लीनचिट

जिस स्लॉटर हाउस पर मानकों से खिलवाड़ करने का आरोप लगा है, उसे प्रशासन से लेकर केन्द्र की टीम ने जांच में कुछ दिनों पहले ही क्लीनचिट दे दी है अप्रैल में ही डीएम सुरेंद्र सिंह ने मोहनपुर ठिरिया स्थित इस स्लॉटर हाउस का इंस्पेक्शन किया था। इस दौरान उनके साथ सीडीओ समेत पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम के अधिकारियों भी मौजूद रहे। सभी ने मॉडर्न स्लॉटर हाउस में पशु कटान व अवशेषों के डिस्पोजल की तरीकों को मानकों पर खरा बता रिपोर्ट को ओके बताया था। लेकिन शासन से जांच के निर्देश मिलने के बाद से डीएम की स्लॉटर हाउस की इंस्पेक्शन रिपोर्ट पर ही सवालिया निशान लग गए हैं।

पुरानी रिपोर्ट देने की तैयारी

मोहनपुर ठिरिया में दो स्लॉटर हाउस हैं। एक नगर निगम का स्लॉटर हाउस है, जो पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, पीसीबी की आपत्ति के चलते एनजीटी के आदेश पर पिछले करीब डेढ़ साल से बंद है। जबकि दूसरा स्लॉटर हाउस प्राइवेट फर्म की ओर से संचालित किया जा रहा है। यह मॉडर्न स्लॉटर हाउस नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त है। निगम का स्लॉटर हाउस बंद होने से निजी मॉडर्न स्लॉटर हाउस पर ही पशुओं का कटान किया जा रहा है। निगम ने संस्था से पशुओं के कटान की फीस व किराए का करार भी किया है। लोगों की कंप्लेन पर शासन के रिपोर्ट तलब करने के बाद जिम्मेदार अपनी नाकामी छिपाने में लगे हैं। नगर निगम ने स्लॉटर हाउस की जांच पड़ताल करने के बजाए डीएम इंस्पेक्शन की ही रिपोर्ट शासन को भेजने का मन बनाया है।

-------------------------

स्लॉटर हाउस का पिछले दिनों ही डीएम ने औचक इंस्पेक्शन किया था। इंस्पेक्शन में गाइडलाइंस फॉलो होती दिखी। लोगों की शिकायत के बाद शासन ने जांच को कहा है। डीएम इंस्पेक्शन की रिपोर्ट ही शासन को भेजकर स्थिति से अवगत कराया जाएगा।

शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त