- आई एक्सक्लूसिव

-सिटी से कई रूटों पर नए साल से चलेंगी स्लीपर बसें, वॉल्वो व स्कैनिया से कम होगा इन बसों का किराया

-रोडवेज विभाग ने शुरू की तैयारियां, लखनऊ-दिल्ली समेत देश के कई राज्यों तक जाएंगी रोडवेज की ये बसें

kanpur@inext.co.in

KANPUR। रोडवेज बसों में सफर करने वाले पैसेंजर्स के लिए अच्छी खबर है। अब रोडवेज पैसेंजर्स को आरामदायक सफर कराने के लिए कानपुर से स्लीपर बसें चलाने जा रहा है। मालूम हो कि अभी तक लंबी दूरी के लिए ज्यादातर पैसेंजर्स सिर्फ मजबूरी में ही रोडवेज बसों का रूख करते हैं, इनमें सबसे बड़ी वजह ट्रेन में सीट न मिलना होता है। लेकिन नए साल में रोडवेज सुविधाजनक सफर की चाह रखने वाले पैसेंजर्स को बड़ा तोहफा देने जा रहा है।

10 रूटों पर चलेंगी 25 स्लीपर बसें

लखनऊ व दिल्ली समेत 10 रूटों पर 25 स्लीपर बसें चलेंगी। जिसमें पैसेंजर्स को आरामदायक सफर करने को मिलेगा। कानपुर-हरिद्वार, कानपुर-हल्द्वानी, दिल्ली-देहरादून, लखनऊ से हरिद्वार आदि रूटों पर बसें चलेंगी। कुछ बसें तो सीधे कानपुर से चल रही हैं, बाकी कुछ बसें ऐसी भी हैं, जो कि वाया कानपुर होते हुए चलेंगी।

बर्थ भी करानी होगी आरक्षित

आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि स्लीपर बसों में सफर करने के लिए ट्रेनों की तरह बर्थ भी आरक्षित करानी होगी। स्लीपर बसों में बिल्कुल रेलवे की तरह सिस्टम होगा। बस डिपो के काउंटर से ही बर्थ बुक होगी। अगर ज्यादा पैसेंजर्स हुए तो वेटिंग भी चलेगी।

25 फीसदी देना होगा अधिक किराया

परिवहन निगम की स्लीपर बसों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को जनरथ बसों से 25 प्रतिशत अधिक किराया चुकाना होगा। जिन क्षेत्रों में स्लीपर बसों का संचालन प्रस्तावित है, उन क्षेत्रों के प्रबंधकों को किराया निर्धारित करने के लिए कहा गया है। इन बसों का किराया वॉल्वो व प्लेटिनम बसों के किराए से कम होगा।

36 रिजर्व सीटें होंगी

आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि स्लीपर बसों में 36 बर्थ स्लीपर होंगी। परिवहन विभाग का प्लान ये है कि इन बसों को अनुबंध के तौर पर चलाया जाए। निगम के बेड़े में बसों को शामिल करने के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जयपुर व हरियाणा परिवहन विभाग की कार्यशालाओं से कई राज्यों में स्लीपर बसें भेजी गई हैं।

'रोडवेज प्रशासन स्लीपर बसें चलाने की तैयारी कर रहा है। कानपुर को भी कई बसें मिलेंगी। इससे यहां पैसेंजर्स को फायदा होगा। कानपुर से कई रूटों के लिए स्लीपर बसें नए साल से चलने लगेंगी.'

- नीरज सक्सेना, आरएम

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जानिए स्कैनिया बस को?

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्कैनिया बस लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार होती है। फुल एसी बसों में आरामदायक सीटें व स्क्रीन होती है। स्क्रीन पर बस के स्टॉपेज व वर्तमान स्थिति के बारे में बताया जाता रहता है। ये बसें परिवहन विभाग के पास तीन साल से हैं। जो प्रदेश भर में चलती हैं।